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खबर-भगवान ने प्राणीयों का उद्धार करने हेतु अवतार लिये सभी अवतार जिवन के प्रेरणा संदेश हैं --पं दिलीप जी त्रिवेदी --कृष्ण जन्मोत्सव आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया

कुकडेश्वर। आत्मा पर परमात्मा का अधिकार है आत्मा जन्म जन्मांतर से इस संसार में परिभ्रमण करती आ रही हैं। बड़े ही सौभाग्य शाली है हम पुण्योदय से मानव जीवन मिला इसे युही व्यर्थ ना गंवायें भजन के माध्यम से तेरा जीवन हैं बैकार धर्म बिना दुनिया में रे पाणी तेरा जीवन हैं बैकार वेद पुराण कथा सत्संग सभी हमें बता रहे हैं कि मानव जीवन मिला है और ये संसार पापो का भरा पात्र हैं इस जिवन में सत कर्म सदाचार और श्रद्धा मानवता के साथ विनयवान बनें रह कर धर्म से जुड़े रहें। उक्त बात सुर्य वंशी कुमरावत तमोली समाज के तत्वावधान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे रोज व्यास गादी से पंडित दिलीप जी त्रिवेदी नेगरुन ने तमोली धर्म शाला में धर्म सभा के बीच श्रोताओं से संगीत मय कथा के दौरान बताया कि मानव जीवन मिलने के बाद भी हम अचेतन अवस्था में है चेतन होने के लिए गुरु की आवश्यकता होती है। कथा श्रवण कर आत्म सात करेंगे तो कल्याण होगा। कथा के दौरान राजा परीक्षित को सदगुरु मिल गये उन्होंने बताया कि मानव का ये लोक सुधर गया तो परलोक भी सुधर जायेगा।इस अवसर पर भागवत कथा में मंदाचल पर्वत वासुकी नाग और देवता दानव के साथ मंच्छ अवतार,वाराह अवतार,वामन अवतार के साथ ही सूर्य वंश में राम अवतार, लक्ष्मण अवतार पर बताया कि प्रभु राम ने हमें मर्यादा में रहकर चल विनय वान का संदेश दिया इसी प्रकार भाई भाई में अटुट प्रेम होना चाहिए आज हम सम्पत्ति के पिछे भाई के दुश्मन बन जातें हैं, माता पिता की आज्ञाकारी होकर उनकी सेवा का संदेश राम अवतार से मिलती हैं। इसी क्रम उग्रसेन राजा व कंस का वर्णन सुनाया और वसुदेव की पहली पत्नी रोहिणी से बलराम अवतार के साथ ही चंद्र वंशी यदुवंशी कुल में कंस ने मृत्यु के भय से बहन देवकी व वसुदेव को कारागार में डाल दिया कंस के पापाचार बड़ने पर धर्मीयों और मानव के उध्दार के साथ भक्तों की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान ने कृष्ण के रूप में बंदीगृह में रात्रि को अवतार लिया कथा के दौरान श्री कृष्ण जन्म की झांकी में वसुदेव घनघोर वर्षा से नंदी पार कर भगवान श्री कृष्ण को व्यास गादी पर लाते हैं भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर धर्म सभा नन्द के घर आंनद भयों जय कन्हैया लाल की बड़े ही मार्मिक वर्णन के साथ जन्मोत्सव कथा के दौरान मनाया गया। समाज के वरिष्ठ जनों व महिलाओं, पुरुषों ने दान राशि दी।पुरा पाण्डाल हर्षोल्लास से झुम उठा पंडित त्रिवेदी नित्य भागवत कथा वर्णन पर मार्मिक उदाहरण के साथ कथा चल रही हैं।

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