कुकडेश्वर। गुरु की शरण हो जाए तो मानव का जीवन सफल हो जाता हैं। नाम की महिमा बड़ी है आज हम नाम के लिए सब कुछ करते हैं वही वर्तमान स्थिति में पाश्चात्य संस्कृति के चलते हम अपने बच्चों के नाम किस प्रकार रख रहे हैं बड़ा सोचनिय विषय है जो नाम करण हम कर रहे उस नाम महत्व नहीं हैं। जिस प्रकार पहले नाम भगवान के नामों पर रखा जाता था जो अपने बच्चों को पुकारने पर अनजाने में भी भगवान का नाम स्मरण में आ जाता था जिस प्रकार समुद्र में श्री राम के नाम का पत्थर तिर जाता है उसी प्रकार प्रभु के नाम स्मरण मात्र से मानव भवसागर पार कर लेता है। उक्त बात चंद्रवंशी खाती पटेल समाज के मंदिर पर चल रही संगीत मय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे रोज व्यास गादी से पंडित ओमप्रकाश जी वैष्णव निलीया वाले ने धर्म पंडाल में श्रोताओं के सम्मुख संगीत मय भागवत कथा के दौरान कहते हुए अजामीन का वर्णन सुनाया। जो अधर्मी और पापी होकर भी अपने बेटे को नारायण नाम से पुकारें जाने पर अंत समय में प्रभु शरण को पाकर सारे पाप कट गये और गति सुधर गई। उक्त अवसर पर आपने हिरण्यकश्यप, भक्त प्रह्लाद का वर्णन सुनाया प्रहलाद की प्रभु भक्ति का उदाहरण दिया बताया कि भगवान अपने भक्तों की अटूट श्रद्धा और भक्ति पर स्वयं अवतार लेते हैं और उसकी रक्षा करते हैं। कथा के दौरान समुद्र मंथन श्री राम अवतार वर्णन बड़े ही मार्मिक शब्दों में सुनाया बीच-बीच में भजनों की धुन पर श्रोता अपने आप को रोक न पाए और झूम उठे। भागवत कथा के दौरान श्री कृष्ण जन्म उत्सव वर्णन पर पुरी धर्म सभा हर्षित हो उठी श्री कृष्ण जन्म प्रंसग पर बालकृष्ण को बंदी गृह से वासुदेव लेकर आते हैं व्यास गादी पर बालकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाते हैं। श्री कृष्ण जन्म पर दानदाताओं ने मुक्त हाथों से दान दिया एवं बड़े हर्षोल्लास से जन्मोत्सव मनाया आयोजन समिति समाज जन वरिष्ठ जनों के साथ बड़ी संख्या में महिला पुरुष भागवत कथा का रसास्वादन किया। अंत में महाआरती के साथ प्रसाद वितरण किया गया।