कुकडेश्वर।अयोध्या के राजा दशरथ की पत्नी कैकयी ने राजा दशरथ से अपने दो वचन पुरे करने के लिए श्री राम को चौदह वर्ष का वनवास और दूसरा भरत को राजगद्दी की मांग की थी। न चाहते हुए भी राजा दशरथ ने श्री राम को चौदह बरस का वनवास दिया। श्री राम ने माँ के वचन व पिता के आदेश का अनुसरण करते हुए वनवास काटा और केवट, जटायु, जामवन्त, सुग्रीव, हनुमान सहित वानर सेना को साथ रखते हुए। जनकल्याण कर दानवो का वध करते हुए। राम, राम न रहते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम बन गए। उक्त बात संगीतमय श्रीराम कथा के दौरान व्यास गादी से पण्डित नरेंद्र शर्मा आमद खेड़ी ने कथा विश्राम अवसर पर कहीं।
समीपस्थ गाँव कड़ी बुजुर्ग के फागणा (गुर्जर) परिवार के पटेल रामनारायण गुर्जर व स्व.बद्रीलाल गुर्जर द्वारा अपने स्वर्गीय माता पिता की स्मृति में श्री हनुमान मन्दिर का नवनिर्माण करवाया व 21 अप्रैल से 23 अप्रैल तक पंडित व्यंकटेश शास्त्री के करकमलो द्वारा यज्ञ व वैदिक मंत्रोचार के साथ 22 अप्रैल को मन्दिर पर कलश प्रतिष्ठा हुई। विगत 17 अप्रैल से 23 अप्रैल तक संगीतमय श्रीराम कथा पंडित नरेंद्र शर्मा के मुखारविंद से धारा प्रवाहित हुई।जिसका विश्राम श्री हनुमान जन्मोत्सव के पावन पर्व पर महाआरती व प्रसाद वितरण के साथ हुआ। उक्त आयोजन में हजारो महिला पुरुष व भक्त पहुंचे। सात दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान में राजू गुर्जर (राज इलेक्ट्रिकल्स कुकड़ेश्वर), बलवंत गुर्जर, अर्जुन गुर्जर (MPEB), पवन (लाला) गुर्जर व फागणा परिवार ने तन मन धन से आयोजन को भव्यता दी। ग्रामवासियो का इष्टजनो का अपार सहयोग धार्मिक आयोजन में रहा।