कुकडेश्वर -जो राम चरणों से दुर हैं उसका जीवन अधुरा है और जिसने श्री राम चरण शरण कर ली वो भव सागर से पार हो जाता हैं।जिनकी चरण पादुका रख राज्य चलाया ऐसे भाई आज कहां है राम कथा यही संदेश देती है कि भाई भाई प्रेम से रहें माता पिता की सेवा और आज्ञा करकें हम मानव जीवन को धन्य बना सकते हैं।राम कथा का जो प्रंसग हमारी आत्मा को राम से मिला दे वहीं हमारे लिए कल्याण कारी होंगी सुनना और सुन कर आचरण में लेगा यहीं तो राम चरण व शरण हैं। उक्त बात श्री सहस्त्र मुखेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण से सीता राम मित्र मंडल के तत्वाधान में जन सहयोग से चल रही वाल्मीकि श्री राम कथा के सप्तम दिवस व्यास गादी से पंडित श्री देवकृष्ण जी शास्त्री ने धर्म सभा में कहा कि श्री राम वन गमन में माता कैकेई का दोष नहीं है वो तो इस धरती से पापाचारों को मिटाने के लिए ऋषि मुनियों की इच्छा से रामावतार हुआ व तिलोक नाथ की लीला रही जो मानव उपकारी है। आपने कहा कि बाहरी आवरणों से राम की प्राप्ति नहीं होती है निर्मल मन वाले ही प्रभु भक्ति मार्ग पा सकते हैं। आपने सुर्पण खा का उहाहर देते हुए कहा कि स्त्रियों को चरित्र हीन नहीं होना चाहिए जिस प्रकार सुर्पण खा ने अपने चरित्र से पुरे कुल जाती का नाश किया रामायण की एक एक गाथा हमें यहीं शिक्षा देती है महिलाओं को पतिव्रता स्त्री व्रता धर्म पालन सीता माता जैसे करना चाहिए इसी क्रम में सीता हरण का मार्मिक स्वर्ण मृग प्रसंग का बड़ा ही रोचक वर्णन करते हुए कहा कि जब मानव भक्ति भगवान से विमुख केवल भौतिक वादकों की और आकर्षित हुए है,तो उसे भगवान प्राप्ति के लिए भटकना पड़ता। आपने जटायु प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि जो हमेशा दुसरों की मदन व सेवा में रहते हैं, उनकी चिंता स्वयं भगवान करते हैं। जैसे शबरी की भक्ति भी वैसी ही थी श्रीराम यह जानते थे कि वह भील हैं। इसके बावजूद भी उन्होंने उसका मान सम्मान रख उस का उद्धार कर मानव मात्र को सामाजिक समरसता का संदेश दिया। भगवान की साधना में जातिपति का भेदभाव नहीं होता। साथ ही सुग्रीव से मित्रता और बाली वध के प्रसंग के माध्यम से समाज को संदेश दिया कि, अधर्म भी मजबूत होता है और अंत में धर्म की हार होती है और अधर्म पर धर्म की विजय अवश्य होती है। 15जनवरी से चल रही कथा का समापन हवन आरती कथा के साथ 22जनवरी को राम महोत्सव के साथ समापन होगा।श्रीराम कथा में कई अतिथि ने धर्म सभा का लाभ लिया वहीं सैकड़ो महिला पुरुष श्रीराम कथा का रसास्वादन कर रहे हैं।