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खबर-आज संस्कार विहीन शिक्षा से संस्कृति भुल रहे हैं --पं देवकृष्ण जी शास्त्री

कुकडेश्वर- राम की झांकी हमारे अन्तःकरण में होना चाहिए ये बाहरी झांकियां तो हम बहुत बना रहे और सजा रहे हैं लेकिन मानव जीवन मिलने के बाद हमने हमारे अंदर झांका नहीं राम सीता कृष्ण की कथा श्रवण कर रहे उनके जीवन चरित्र को हम धारण नहीं कर रहे हैं। कथा संदेश यह नहीं दे रहीं की काम मत करो काम तो जीवन चलाने के लिए करना है लेकिन कथा का सार यही है हमने आत्म के लिए क्या किया आत्म के लिए अगर प्रभु भक्ति नहीं की तो कल्याण कहा सम्भव होगा। गुरु संसार के कर्मों से छुटकारा दिलाकर संयमी जिवन जीने का मार्ग प्रशस्त करतें हैं और जिनका परमात्मा से प्रेम हो जायें उस का भटकाव ही मिट जाता है।आजकल हम देखते हैं कि स्कूलों में मंहगी शिक्षा तो मिल रही और वो शिक्षा पैसे कमाने की मिल रही है आज संस्कार विहीन शिक्षा से हम संस्कार भुल रहे हैं राजा राम कृष्ण ने ऋषि मुनियों से आश्रम में शिक्षा गृहण की थी आज स्कूलों से संस्कृति व सभ्यता और संस्कार गायब हो रहे हैं जिसका परिणाम हम देख रहे हैं। उक्त बात श्री सहस्त्र मुखेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में श्री राम कथा के पांचवें दिवस श्रीराम चरित्र व राम विवाह का वर्णन सुनाते हुए धर्म सभा के बीच पंडित श्री देवकृष्ण जी शास्त्री ने कहा कि शिक्षा का अर्थ यहीं हैं संसार में जीवन जीने की सही कला मिले आपने कहा कि विधार्थी संयम में रह कर संस्कार वान बने आपने कहा कि शिक्षा से विवेक आता है और विवेक से विनय हमें हर कार्य में विवेक रखने की आवश्यकता है श्रीराम कथा में राम जानकी विवाह प्रसंग सुनाते हुए श्री शास्त्री ने कहा कि प्रभु श्री राम हमें मर्यादा में रहना सिखाते हैं। राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा गया था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे दूसरी जगह रख दिया।  राजा को आश्चर्य हुआ व राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो भी इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा-महाराजा को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा। स्वयंवर में  एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्री राम ने धनुष उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद सीता और राम का विवाह हुआ। 15 जनवरी से 22 जनवरी तक श्री राम कथा चल रही है। श्रीराम कथा में  भक्त मंत्रमुग्ध हो कथा का रसास्वादन कर रहे हैं।राम जानकी विवाह प्रसंग पर भजनों पर श्रद्धालु महिला पुरुष झुम उठे एवं राम सीता की  झांकी सजाई गई जिसमें लोगों ने विवाह प्रसंग पर माता सीता का हथलेवा किया सीता राम मित्र मंडल के तत्वाधान में जन सहयोग से अवध में श्री राम मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 22 जनवरी तक उत्सव के रूप में राम महोत्सव हो रहा है।

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