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खबर-मधुर वाणी प्रेम वात्सल्यता बरसाती है एवं कटु वाणी राग द्वेष, पढ़े मनोज खाबिया की रिपोर्ट

कुकडेश्वर- भाव और श्रद्धा से वंदना गुरु चरणों में होती है भाव श्रद्धा से की गई वंदना सदा फलदाई होती है भगवान की भक्ति गुरु की वंदना माता-पिता की सेवा के लिए भाव और श्रद्धा अटूट होना चाहिए। श्रद्धापूर्वक की गई भक्ती सेवा जीवन को अमृतमय बना देती हैं व मन को शांति प्रदान करती है। राम बिना आराम नहीं राम है जहां आराम जिसके जीवन में राम नहीं उसका जीवन सदा भटकता रहेगा जिस प्रकार मन की गति बहुत तेज होती है मन एक सेकंड में चाहें जहां की यात्रा करता है इस मध को स्थिर रखने के लिए मन में राम की आवश्यकता होती है। जब मन राम में रम जाएगा तो मन की गति स्थिर हो जाएगी और को जीने की कला आजाएगी जो कर्म कीयें है वो तो भोगना ही पड़ेगा। उक्त बात  श्री सहस्त्र मुखेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण कुकडेश्वर में सीताराम मित्र मंडल के तत्वाधान में जन सहयोग से चल रही वाल्मीकि श्री राम कथा के दौरान पंडित देव कृष्ण जी शास्त्री ने धर्म सभा के बीच व्यक्त करते हुए आपने बताया कि पानी की बूंद नाली में गिरे तो उसका फल गंदे पानी के सामान मिलता है वो ही बूंद कुए में गिरे तो पवित्र हो जाती और समुद्र में गिरे तो विशाल हो जाती हैं पानी की बूंद एक है लेकिन उसका गिरना एवं समावेश होना सभी का दृष्टिकोण अलग-अलग होता है। इसी प्रकार वाणी भी एक ही है लेकिन उस वाणी को किस प्रकार बोलना वो बड़ा महत्वपूर्ण है, मधुर वाणी प्रेम वात्सल्यता बरसाती है एवं कटु वाणी राग द्वेष बढ़ाती है राम कथा में सबसे बडि़या कांड अयोध्या कांड है अयोध्या कांड आचरण युक्त हैं वासना का नाश कर विकारों को हटाने वाला काम और भोग विलासिता से छुटकारा  दिलाकर संयमी जीवन जीने की राह बताता है। श्री राम कथा में नित्य सैकड़ो महिला पुरुषों के साथ ही अतिथि के रूप में मनासा विधायक माधव मारू, नप अध्यक्ष उर्मिला महेंद्र पटवा, उपाध्यक्ष सोनाली उज्जवल पटवा, समाजसेवी मंगेश संघई,राजस्थान  पत्रकार संघ के संजय खाबिया, कैलाश राठौड़ आदि नित्य अतिथि के रूप में श्री राम कथा में पंहुच कर व्यास गादी एवं महा आरती का लाभ ले रहे हैं राम कथा में पंडित श्री शास्त्री ने बताया सुंदरकांड कल्याण कारी है, वहीं हनुमान का मतलब ब्रह्मचर्य है जिसके जीवन में ब्रह्मचर्य हैं वो दीर्घायु पुरुष है और ब्रह्मचर्य से योग शक्ति बढ़ती है वहीं भोगी व्यक्ति रोगी बन जाता है जिस प्रकार काम और राम एक जगह नहीं रह सकते हैं उसी तरह व्यक्ति को भी सुखी जीवन जीना है तो रागों व भोगों से दूर रहना पड़ता है जिस प्रकार हम मंदिर में शांत रहते हैं उसी प्रकार बाहरी जीवन में शांति पसंद  जीवन कर समझ जाएगा काम भक्ति व्यक्ति को सताता है वह भक्ति युक्त व्यक्ति को राम मिलता है राम कथा में नित्य दृष्टांत पंडित शास्त्री द्वारा सुनाया जा रहे हैं जिसमें राम जी के चरित्र सीता जी के चरित्र के साथ ही राजा दशरथ हनुमान आदि का वर्णन  सुन कर उनके जीवन चरित्र पर रहकर जीवन जीने के बाद राम कथा के दौरान सीताराम मित्र मंडल द्वारा अयोध्या में श्री राम मंदिर में प्रभु राम जी की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा को राम महोत्सव बनाने के लिए राम कथा का आयोजन किया जा रहा है।नित्य राम कथा में नगर एवं आसपास के सैकड़ो जन श्री सहस्त्र मुखेश्वर महादेव के दर्शनों एवं कथा श्रवण का लाभ ले रहे हैं।

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