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खबर- नई ननोर में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव का हुआ समापन

कुकड़ेश्वर- आज मानव मानव का दुशमन होता जा रहा जहां देखो जिसमें देखो स्वार्थ भरा पड़ा है। दोस्ती यारी रिश्ते नाते सिर्फ स्वार्थ के रह गये आज ऊंच निच की तुलना पैसों से की जा रही बराबरी व प्रति स्पर्धा में अपनों से दूर हो रहें हैं। भगवान कृष्ण की लीला को देखो गीता भागवत पड़ोगें तो जान पाओगे कि भगवान ने मैत्री किस प्रकार निभाई सुदामा जैसे निर्धन बाल सखा को वो राजा बनने के बाद भी नहीं भुले आज हमें भी निस्वार्थ दोस्ती निभानी चाहिए। रिश्तों व अपनों से अपनृत्व बनाना चाहिये चाहे वो अपनो से कमजोर हो उक्त बात समीपस्थ ग्राम नई ननोर में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव के समापन अवसर पर श्री कृष्ण सुदामा मिलन वर्णन पर श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम अवसर पर व्यास गादी से पंडित नरेन्द्र शर्मा ने धर्म सभा के बीच भागवत कथा में व्यक्त करते हुए कहा। कि हमे परमपिता परमात्मा ने मानव जीवन दीया है। मानवता हमारे अंदर होना चाहिए और दान राजा बलि ने देकर हमें बताया कि अपने घर आये का सम्मान व जरुरत पुरी करें भगवान की परिक्षा में सफल होकर राजा ने अपने दान व वचन के खातिर सब कुछ न्यौछावर कर दिया तो हमें भी इस मनुष्य जन्म में दान,दया व क्षमा को बनायें रखना चाहिए। ईश्वर के भजन कीर्तन करते रहना चाहिए परमात्मा का नाम हमारे जीवन के दुखों का अंत कर हमारे मानव जीवन को सफल और सार्थक बनाता है। आपने बताया कि परिवार में वाद विवाद न हो और यह तब संभव है जब हम हमारे जीवन में हिंदू संस्कृति  जीवित रहेंगी आज हम सोशल मीडिया के माध्यम से हमारी संस्कृति भुलते व गिराते जा रहे है। हम भी संस्कार वान बने और हमारी आने वाली पीढ़ी को भी संस्कार वान बनाए। गौ माता की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है उसे हर संभव करना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन कथा का विश्राम हवन पुर्णाहुति के साथ हुआ सैकड़ो की संख्या में धर्म प्रेमी जनता ने भागवत कथा श्रवण कर आरती व प्रसाद का लाभ लिया।

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