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साधना के मार्ग से समर्पण का मार्ग प्रशस्त होता है--आचार्य श्री रामेश

कानोड़/कुकडेश्वर- 1जून को बडीसादडी मे सुश्री लक्की जी सुराणा की दीक्षा होगी कानोड़ श्री संघ के पुण्योदय से कानोड़ की धन्यधरा पर भव्य दिक्षा महोत्सव मे देश भर के साधुमार्गी जैन संघ के राष्ट्रीय पदाधिकारियों व  सैंकड़ों श्रावक श्राविका दीक्षा मे साक्षी बनें अवसर था छत्तीसगढ़ की मुमुक्षु बहन कुमकुम जी कोटडिया की जैन भागवत दीक्षा का आचार्य भंगवन श्री रामलाल जी मासा के मुखारविंद से दीक्षा सम्पन्न हुई अब आप बनी निरामय श्री जी उक्त अवसर पर आचार्य श्री रामेश ने कहा साधना का मार्ग समर्पण का मार्ग होता हैं अगर मन में चाहत हो मेरा नाम हो तो वह में साधना का अवरोधक होती है।साधना निरंतर अनुशासन का मार्ग है। नव दीक्षित साध्वी को मजबूत रहना होगा तभी साधना सफल बन पायेगी निरंतर रास्ता बना लेगी महासतियो जी की प्रेरणा से  उनके सानिध्य मे मन को तपाने से साधन सफल हो जायेगी।अगर मगर मे समर्पणा हो नही सकती। उक्त अवसर पर श्रद्धेय उपाध्याय प्रवर राजेश मुनि जी ने कहा आज का प्रसंग ज्ञान देने वाला है,हम कितनी जगह समर्पण कर रहे है तीर्थंकर देवो के वचनों में गुरु के चरणो मे समर्पणा कर देना चाहिए। गुरु का निर्देश सयंम का उपदेश है।भीतर का मार्ग एक लक्ष्य लेकर आगे बढे गुरु की शरण के साथ जिसका मन धर्म मे रहता वो ही गुरु के प्रति समर्पित हो जाता है। उपाध्याय प्रवर ने कहा अपना अमूल्य जीवन मात्र इच्छिओ की पूर्ति के लिए नही संसार के सुखो को भोग कर व भोतिकता से आनंद मनाते जा रहे है हमे इन सभी  से परे ले जाना है।स्वंय को शांत बनाना मन उलझा हुआ नहीं रखे।जीवन को ऐसे बनावे कि जन्म मरण की परम्परा समाप्त करने वाली बन जाये। कार्यक्रम का संचालन महेश नाहटा ने कीया और बताया कि कानोड नगरी धन्य हो गयी अब बडी सादडी धन्य होने जा रही है एक जून को सुश्री लक्की जी सुरणा की दीक्षा होने जा रही है। आचार्य श्री रामेश के सानिध्य में अब तक 371दीक्षा आचार्य श्री के मुखारविंद से सम्पन्न हो चुकी धर्म सभा में नीमच, रतलाम, मंदसौर जिले के साथ ही धमंतरी,मुम्बई,बैगू,मंगलवाड,ब्यावर कानोड व आसपास के हजारो जन उपस्थित थे।उक्त जानकारी नोरतमल बाबेल ब्यावर ने दी।

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