रामपुरा- नगर में 24 अप्रैल से 30 अप्रैल तक परसेड़ीया परिवार द्वारा पोरवाल पंचायती भवन में 7 दिवसीय मद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है । जिसमें में श्रीमद् भागवत कथा के अवसर पर राष्ट्रीय अटल गौरव रत्न अवार्ड प्राप्त भागवताचार्य पंडित गोविंद उपाध्याय श्री नरसिंह मंदिर मनासा वालों ने कहा कि परमात्मा के नाम से पापों का नाश होता है। यदि मनुष्य प्रायश्चित करें कि अब जीवन में कोई पाप नहीं करेंगे, जो बुरे कर्म जाने अनजाने में हो गए हैं आप उन्हें क्षमा करें भगवन अब कभी भी हम बुरा कर्म नहीं करेंगे ऐसा संकल्प और भगवान के नामों का उच्चारण करें तो परमात्मा क्षमा करते हुए पापों से मुक्त कर देते हैं एवं अपनी कृपा के अधिकारी बनाते हैं। कलयुग के अंदर भगवान का नाम ही आधार है कलयुग में यह सुविधा ईश्वर के द्वारा दी गई है कि ईश्वर के नाम के द्वारा परमात्मा की कृपा एवं सानिध्य प्राप्त किया जा सकता है। बालक ध्रुव ने नाम जप के द्वारा परमात्मा का दर्शन किया, भक्त प्रहलाद ने भगवान का नाम जपा। अजामिल ने नारायण के नाम से यमदूत से रक्षा प्राप्त की कलयुग केवल नाम आधार। सुमिर सुमिर नर उतरही पारा। नाम की रटन से भक्ति प्रकट होती है जिसमें सब पाप जल कर भस्म हो जाते हैं जिस प्रकार माचिस पर रगड़ से अग्नि प्रकट होती है और उस अग्नि में किसी भी प्रकार की वस्तु को जलाया जा सकता है ठीक उसी प्रकार से नाम की रटन से भक्ति प्रकट होती है और उस भक्ति में जन्म जन्मांतर के पास जल कर भस्म हो जाते हैं अर्थात पाप नष्ट हो जाते हैं। नरसिंह भगवान की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि नरसिंह भगवान भक्तों की रक्षा करते हैं भक्त प्रहलाद की रक्षा की नरसिंह भगवान की भक्ति बचपन से भक्त प्रहलाद ने की और उन्हें प्राप्त किया। अतिथि देवता के समान है घर आए हुए मेहमान का सम्मान होना चाहिए राजा बलि ने अपने दान के कारण अपना नाम अजर अमर कर लिया आज कोई भी कहता है कि उस व्यक्ति ने ऐसा बलिदान दिया, दान के आगे यह बलि शब्द राजा बलि के कारण लगा है राजा बलि ने वामन भगवान को अपना सर्वस्व प्रदान किया आए हुए ।अतिथि का सम्मान किया उसके कारण उनकी कृपा प्राप्त की रामपुरा में श्रीमद् भागवत कथा के अवसर पर वामन भगवान की दिव्य झांकी प्रस्तुत की गई। भक्त गणों ने भगवान की कथा का झांकी के साथ श्रवण किया।