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खबर:- महाविद्यालय प्रांगण में पक्षियों के पानी व दाने के लिए सकोरे बांधे गए जिससे पंक्षी शीतल जल से अपनी प्यास बुझा सके

रामपुरा- पंक्षी हमारे मन में सफलता की अनोखी झांकी को सजाते हैं जो रंग-बिरंगे चमकीले और आकर्षक रुप से प्रकृति के मन को मोहते हैं जिन्हें घर आंगन सड़क बगीचे खुले क्षेत्रों में देखतेहैं। हमारे साहित्यों मैं कहा जाता है कि वैशाख माह वैसे एक पवित्र माह के रूप में जाना जाता है जिसमें कई धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं वैशाखी अमावस्या  को बट वृक्ष की पूजा एवं भगवान बुद्ध का जन्म मनाया जाता है इस पवित्र महीने भर में भंडारा एवं पक्षियों को दाना पानी एवं जगह जगह पर  प्याऊ आग लगाए जाते हैं। वनस्पति विभागाध्यक्ष  प्रोफेसर एम.पी अहिरवार ने बताया कि गर्मी के दिनों में उच्च तापमान की तपिश अधिक होने से सैकड़ों पक्षी पानी न मिलने से अपनी प्यास नहीं बुझा पाते हैं। पंक्षी परिस्थिकी तंत्र एवं खाद्य श्रृंखला के हिस्सा है जो बीजों का फैलाव  नियंत्रण में सहायक होते हैं ग्रीष्म काल में तेज धूप के पड़ने से उच्च तापमान में पंक्षी प्यास बुझाने के लिए तड़पते रहते हैं उनकी प्यास बुझाने के लिए शासकीय महाविद्यालय रामपुरा के वनस्पति विभाग के प्राध्यापक शिक्षकों द्वारा महाविद्यालय प्रांगण में पक्षियों के पानी व दाने के लिए सकोरे बांधे गए जिससे पंक्षी शीतल जल से अपनी प्यास बुझा सके। प्राचार्य डॉ  बलराम सोनी, वरिष्ट प्राध्यापक जेड .एच. बोहरा , प्रसासनिक अधिकारी डॉ धर्मेंद्र सिंह फिरोजिया महाविद्यालय स्टॉप प्रो.शिवकोर कवचे डॉ लाखन यादव डॉ किरण अलावा कोनिका कटारे मौजूद रहे।

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