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जीवन का सच्चा सुख है आराधना व साधना --अर्जुन भारद्वाज 

कुकडेश्वर - संसार के माया जाल से बाहर निकलने का एक मात्र साधन है आराधना जिसके जीवन में आराधना है वो मन को वश में कर सकता है जिस प्रकार एक विशाल मकान को कंट्रोल व सुरक्षित एक चाबी करती है उसी प्रकार इस भौतिक चकाचौंध में भटकते हुए मन को वश में ईश्वर भक्ति व भागवत कथा श्रवण संत संग कर सकता है उक्त बात समीपस्थ ग्राम पंचायत सांकरिया खेड़ी के गांव रुपपुरा में सात दिवसीय संगीतमय भागवत कथा के चतुर्थ दिवस व्यास गादी से पं अर्जुन भारद्वाज ने धर्म सभा में श्रोताओं से कही आपने भागवत कथा के उदाहरण देते हुए बताया कि पांच तत्वों से बनी सृष्टि में मानव चौरासी योनियों में भटकते हुए मानव भव को प्राप्त करता है और इस बाहरी भौतिक सुख में सुख ढूंढता है लेकिन भागवत कहती हैं कि भौतिक सुख तो क्षणिक है जिसके जीवन में साथ सुख हो वही सच्चा सुख है पहला सच्चा सुख निरोगी काया, सच्चा सुख घर में हो नैतिक माया निती का पैसा वचन शुद्धता नारी और स्वयं का आचरण शुद्ध हो एवं संतान आज्ञाकारी हो अच्छे मित्रों की टोली साथ हो ईश्वर से वास्ता धर्म से लगन हो आपने राजा परीक्षित,मनु,कपिल मुनि,दश शिव पार्वती आदि वर्णन सुनाये नित्य रुपपुरा में कालेश्वर दरबार के यहां भागवत कथा ज्ञान गंगा महोत्सव के तहत प्रातः 11बजे से 4 बजे तक हो रही जिसका आयोजन समस्त गांव वासियो के सहयोग से कालेश्वर मंदिर निर्माण व भागवत कथा समिति द्वारा किया जा रहा है।

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