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खबर-राज्य शासन के बीच सहमति नहीं बनने के कारण अब स्वास्थ्य विभाग में विरोध

  रामपुरा

  शेख इसाक/मनीष चांदना

  February 20, 2025, 4:07 pm

रामपुरा। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में इमरजेंसी की आहट सुनाई दे रही है। प्रदेश के सरकारी डॉक्टरों और राज्य शासन के बीच सहमति नहीं बनने के कारण अब स्वास्थ्य विभाग में विरोध का साया मंडरा रहा है। लंबित मांगें पूरी नहीं होने से सरकारी डॉक्टरों में आक्रोश हैं अपनी मांगों को पूरी करवाने के लिए डॉक्टरों ने काम बंद कर हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी है।.

डॉक्टरों की मुख्य मांगें-

लंबित डीएसीपी सातवें वेतन का लाभ व चिकित्सकों के कार्य में बढ़ती प्रशासनिक दखलंदाजी को रोकने समेत अन्य मुद्दों को लेकर चिकित्सक महासंघ ने स्वास्थ्य मंत्री और राज्य शासन को ज्ञापन भी दिया है। लेकिन इस पर कोई कार्रवई नहीं हुई सिविल हॉस्पिटल रामपुरा के चिकित्सक डॉ. प्रमोद पाटीदार ने बताया ना ही अब तक हाई पॉवर कमेटी का गठन हुआ और ना ही कैबिनेट से पारित निर्णय जैसे डीएसीपी सातवें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 से देना एनएपीए की सही गणना व अन्य के संबंध में आदेश निकाले गए हैं। इस को लेकर  मप्र शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ दिशा निर्देशन में दिनांक 20 एवं 21 फ़रवरी को काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन 24 फरवरी से सामूहिक उपवास के साथ उग्र आंदोलन किया जाएगा। 
सरकारी अस्पतालों के 15 हजार डॉक्टर शामिल-
मप्र शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ 20 फरवरी से आंदोलन करेंगे जिसमें सभी शासकीय स्वशासी विभागों में कार्यरत चिकित्सक व छात्र शामिल रहेंगे। इसमें शामिल होने के लिए 15 हजार से अधिक सरकारी डॉक्टरों ने सहमति दी है इसमें मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन, एसोसिएशन ऑफ मेडिकल ऑफिसरी मेडिकल कॉलेज, ईएसआई डॉक्टर्स एसोसिएशन, प्रांतीय संविदा मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन, मेडिकल ऑफिसर्स ग्रह विभाग और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने सहमति दी है।