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खबर- श्रीकृष्ण का जन्म का उत्सव ही नहीं अपितु उनके जीवन से मिली महत्त्वपूर्ण शिक्षाओं को आत्मसात करने का अवसर भी है

रामपुरा। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर महाभारत युद्ध तक के महत्वपूर्ण पहलुओं का वर्णन करते हुए बताया कि छात्रों व मनुष्यों को भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से शिक्षा लेनी चाहिए। उक्त बात महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ बलराम सोनी द्वारा अपने उद्बोधन में कही बाद महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ.डी.एस.फिरोजिया ने भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म ओर गीता में दिए उपदेश के बारे में वर्णन किया साथ ही विद्यार्थियों को बताया कि वो भगवान श्रीकृष्ण की तरह कर्म प्रधान जीवन बनाना चाहिए। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रधयापक डॉ.भरत कुमार धनगर, मठूआ अहिरवार एवम् रेणु ठाकुर ने भी भगवान श्रीकृष्ण के जीवन ओर उनकी लीलाओं के बारे में बताया। साथ ही मनोज परसेंडिया द्वार महाविद्यालय परिवार ओर विद्यार्थियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत महाविद्यालय की छात्रा अर्पिता (B.A. द्वितीय वर्ष) ने गीत प्रस्तुत किया ओर B.A. द्वितीय वर्ष की ही छात्रा रवीना के साथ मिलकर भगवान श्रीकृष्ण पर आधारित एक गीत पर नृत्य किया गया। उक्त कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के प्राध्यापक महेश कुमार बामनिया द्वारा किया गया, तथा  उनके द्वारा बताया गया कि जन्माष्टमी सिर्फ श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव ही नहीं है अपितु उनके जीवन से मिली महत्त्वपूर्ण शिक्षाओं को आत्मसात करने का अवसर भी है । उक्त श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर्व में महाविद्यालय का समस्त स्टाफ ( अधिकारी / अतिथि विद्वान / कर्मचारी) उपस्थित रहा। अंत में भगवान श्री कृष्ण को लगाए गए बालभोग का प्रसाद वितरण किया  गया।

 

 

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