गांधीसागर। अभयारण्य क्षेत्र गांधीसागर में प्रचलित चीता पुनर्स्थापना योजना अन्तर्गत प्रचलित कार्यों का जायज़ा भारत सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना चीता पुनर्स्थापना योजना अन्तर्गत केन्या सरकार का 06 सदस्यीय दल गांधीसागर में दो दिवसीय भ्रमण के लिए आया। प्रथम दिवस में भ्रमण दल को अभयारण्य में चीता पुनर्स्थापना के लिए की गई तैयारियों एवं कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता प्रोजेक्ट के सफ़लतम एक वर्ष के संबंध में विस्तृत प्रस्तुती करण गांधीसागर एवं कुनो प्रबंधन द्वारा दिया गया। वही दूसरे दिन दल ने गांधीसागर में प्रचलित एवं पूर्ण हुए कार्योंको लेकर भ्रमण किया गया जिसमे 1.अभयारण्य में चीता पुनर्स्थापना अन्तर्गत 6400 हैक्टेयर में बने बाड़े एवं क्षेत्र का भ्रमण 2.चीतों को भारत सरकार की क्वारंटाइन गाइडलाइन अनुसार गांधीसार में लाने के उपरांत 30 दिवस के प्रारंभिक क्वारंटाइन के लिये बनाये गये क्वारंटाइन बाड़ो का भ्रमण एवं बाड़े अन्तर्गत चीतों की मॉनिटरिंग के लिए लगाए गए हायमास्ट कैमरा, जल स्त्रोत का भ्रमण 3.चीतों की मॉनिटरिंग के लिए बनाये गये मॉनिटरिंग रूम का भ्रमण 4.चीता हेतु निर्मित किए जा रहे उपचार केंद्र का भ्रमण भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून एवं नेशनल टाइगर कंज़र्वेशन अथॉरिटी के विशेषज्ञों द्वारा भारत में वन्यप्राणियों की मॉनिटरिंग के लिए उपयोग किए जा रहे उपकरणों एवं तकनीकी के संबंध में भी भ्रमण दल को अवगत कराया। दक्षिणअफ़्रीका एवं नामीबिया के साथ हो चुका है MOU भारत से विलुप्त हो चुके चीतों को पुनः बसाने के लिए भारत सरकार द्वारा दक्षिणअफ़्रीका एवं नामीबिया के साथ पूर्व में ही MOU हस्ताक्षरित किया जा चुका है। वर्तमान में केन्या से आये दल द्वारा भी चीता पुनर्स्थापना हेतु चयनित स्थलों को भ्रमण किया जाएगा, ताकि निकट भविष्य में केन्या के साथ भी चीता के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जा सके जो की भारत में चीता पुनर्स्थापना एवं इनके संरक्षण हेतु चीता प्रोजेक्ट के माध्यम से किए जा रहे प्रयासों को और अधिक बल देगी। स्थानीय अधिकारी भी रहे भ्रमण दल के साथ -केन्या से आये दल के साथ नेशनल टाइगर कंज़र्वेशन अथॉरिटी के AIG स्तर के अधिकारी, कुनो नेशनल पार्क डायरेक्टर, वन संरक्षक उज्जैन, वन मंडल अधिकारी मंदसौर एवं गांधीसागर का स्थानीय स्टाफ़ उपस्थित रहा।