कुकडेश्वर- बड़े संयोग व विशेष पुण्योदय से मानव जीवन मिला एवं परमात्मा का शासन हमें मिला है आराधना साधना करने का मोका मिला लेकिन आज का मानव साधना को छोड़कर साधन के पीछे पागल हो रहा है जबकि साधना परमपिता परमात्मा से मिलाने का मोक्ष के मार्ग को प्रशस्त करने का सबसे सरल व सीधा मार्ग है। लेकिन इस भौतिकवादी युग में आज का मानव और हम सब साधन के पीछे भाग रहे हैं जो कि क्षणिक सुख देने वाला है, क्षणिक सुख के लिए हम पूरी जिंदगी दुख को स्वीकार कर रहे हैं। उक्त बात कुकड़ेश्वर जैन सराय में पार्श्वनाथ तीर्थ धाम की वार्षिक ध्वजा के पावन प्रसंग पर विराजित प. पू. श्री अर्चित गुणा श्रीजी मा. सा. ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि परमपिता परमात्मा की प्रतिष्ठा मैं जो महोत्सव होता है और प्रतिष्ठा से जो लाभ प्राप्त होता है उससे भी कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण वार्षिक ध्वजा का होता है क्योंकि वार्षिक ध्वजा तो प्रतिवर्ष आती हैं ध्वजा से सम्यक ज्ञान, सम्यक दर्शन, सम्यक चरित्र प्राप्त होता है आपने बताया कि आज हम धर्म करने में पीछे हैं और मोज चौक में आगे हैं धर्म को पीछे छोड़ धन के पीछे भाग में से हमारा भव भावंतर बिगड़ रहा है। उक्त अवसर पर प्रातः 10:00 बजे जैन मंदिर से भव्य जुलूस भगवान जी के रथ एवं ध्वजा के साथ साध्वी वर्या की परम निश्रा में जैन मंदिर से बैंड बाजों के साथ भव्य जुलूस नगर के मुख्य मार्गो से होता हुआ जैन धर्मशाला पहुंचा जहां धर्म प्रभावना के पश्चात विधि-विधान पूर्वक ध्वजारोहण का कार्यक्रम हुआ इससे पूर्व मंदिर जी में प्रातः भगवान का प्रक्षाल पूजन स्नातक पूजन आदि धार्मिक अनुष्ठानों के साथ ध्वजा चढ़ाई गयी इसी क्रम में वार्षिक बोलियां बढ़-चढ़कर स्वार्धमी भाइयों ने लगा पार्श्वनाथ तीर्थ धाम वार्षिक ध्वजा चडावे के लाभार्थी बने।108 तीर्थ स्थलों में से एक पार्श्वनाथ दादा धाम पर मूलनायक श्री पार्श्ननाथ मंदिर शिखर की ध्वजा लाभार्थी परिवार मन्नालाल सुंदरलाल पटवा परिवार श्री आदिनाथ मंदिर शिखर पर ध्वजा लाभार्थी परिवार सागरमल शोभागमल पटवा परिवार एवं सिद्ध चक्र मंदिर शिखर की ध्वजा लाभार्थी परिवार चंदनमल मारु परिवार के द्वारा चढ़ाई गयी लाभार्थी परिवार द्वारा संयुक्त रूप से सकल जैन श्री संघ की उपस्थिति में पार्श्वनाथ जिनालय पर प्रातः पूजा अर्चना के साथ ही अत् विराजित साध्वीवर्या प. पू. श्री अर्चितगुणा श्रीजी प.पू.श्री आनंदिता श्री जी मा. सा.की निश्रा में महाआरती शांति पाठ व मांगलिक फरमायी उक्त अवसर पर सकल जैन संघ के महिला पुरुष बच्चे के साथ ही आसपास के स्वाधर्मी भाई बंधु भी ध्वजा महोत्सव का लाभ लिया अंत में स्वामिवात्सल्य के साथ सफल आयोजन हुआ।