रामपुरा। नगर में मोहर्रम का त्यौहार बड़े ही हर्षौल्लास के साथ मनाया जा रहा है। देखा जाए तो जिले के रामपुरा नगर में ही मोहर्रम के चांद की तारीख सभी जगहों से एक दिन बाद की मानी जा रही है। मोहर्रम की चांद की एक तारीख से इमाम हुसैन की याद में मोहल्ले-मोहल्ले में लंगर (भंडारा) का आयोजन किया जाता है।
व पांच तारीख को मदरबाग से आलम लेकर मुल्तानी मोहल्ले जाते बाद मुल्तानी मोहल्ले से मदारबाग़ आते हैं उसके बाद मोहर्रम की सात तारीख को हर मोहल्ले से आलम निकलते हैं जो लालबाग में एकत्रित होकर वहा से एक भव्य जुलूस के रूप में निकलते हुए मादर बाग पहुँचते है। मोहर्रम की 9 तारीख को ताजिया कसने का काम होता है बाद अपने-अपने मोहल्ले के इमाम बाड़े में उनका मुकाम लगाया जाता हैं।
वही लोग अपनी मन्नत उतारने के लिए बड़े इमाम के यहां पर बच्चों को तोलते हैं यह आयोजन दिन के दो बजे से रात्रि 11 बजे तक चलता जहाँ सभी धर्म के लोग आते हैं। बाद एक बजे बैंड बाजे व अखाड़ा के साथ चौकी पर विराजमान किए जाते हैं एक तारीख से तकरीर का प्रोग्राम 8 तारीख तक चलता है वही चार दिन मुल्तानी मोहल्ले की मस्जिद तथा चार दिन मदार बाग में तकरीर का प्रोग्राम होता है।
मोहर्रम की 10 तारीख पर सभी मोहल्लों से ताजिए जुलूस के रूप में मुख्य बाजार से होते हुए रात्रि में लालबाग पहुंचते हैं बाद दो बजे से कर्बला के लिए रवाना होते हैं इस बीच 11 तारीख को सामूहिक लंगर का आयोजन किया जायेगा जिसे हुसेनी लंगर कमेटी के नाम से जाना जाता है।