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खबर:- जन प्रतिनिधियों व किसानो से आंदोलन को बल मिला सभी का आभार- गरासिया

रामपुरा- तहसील मुख्यालय के समीप ग्राम खिमला में लोग आंदोलन का प्रारंभ 12 दिसंबर से हुआ था। 23 दिसम्बर से आमरण अनशन की सूचना के बाद कंपनी और शासन के प्रतिनिधी एक मसौदा लेकर आए थे। जिसमें उन्होंने भील आदिवासियों, और गलत तरीके से हुई रजिस्ट्रियो पर जांच कमिटी बनाने के प्रस्ताव दिया, जिसे आंदोलन के संयोजक अजय  मदन गरासिया ने कुछ समय के लिए मानकर स्थगित कर दिया। प्रतिदिन आंदोलन के दौरान आंदोलन को सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. पुरन सहगल, विनोद राठौर, रफीक कुतुबी, आर सागर कछावा, राधेश्याम कमांडर, विपक्षी दल कांग्रेस से पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा जी का बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही। जिन्होंने खिमला की जनता के लिए एसडीएम के समक्ष धरना आयोजित किया, मंगेश संघई ने सज्जन सिंह वर्मा के माध्यम से विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव स्पीकर के समक्ष प्रस्तुत किया। उमराव सिंह जी गुर्जर ने पत्राचार के माध्यम से कमलनाथ जी चर्चा की, पूर्व विधायक विजेंद्र सिंह जी मालाहेड़ा ने राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को अवगत करवाया जिला पंचायत प्रतिनिधि सदस्य, मनीष पोरवाल, पार्षद दिनेश राठौर, कांग्रेस नेता सुरेश धनगर विधानसभा मनासा के सभी जनपद सदस्यों के साथ मिडिया का भी बेहद योगदान रहा।पठार क्षेत्र के सभी जन प्रतिनिधियों किसानो से आंदोलन को बल मिला एडवोकेट रंजना बामने बेतूल इस आंदोलन में इनका भी सहयोग रहा श्याम जी रावत द्वारा आंदोलन के प्रभारी अजय गरासिया का साफा बांधकर गांव की ओर से आभार व्यक्त किया।

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