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खबर:- धर्म कि आराधना करें और यदि मन मे शान्ति न आए तो कैसा धर्म -  आचार्य श्री रामेश

कुकड़ेश्वर / उदयपुर- साधुमार्गी जैन संघ के हुकमेश संघ के नवम पटधर आचार्य श्री रामलाल जी मा सा के सान्निध्य मे 4 दिसम्बर को जैन दीक्षा होगी। इससे पूर्व 3 दिसम्बर को प्रात: न्यु नवरत्न क्षैत्र मे प्रवचन हुऐ। जिसमें आचार्यश्री रामेश ने फरमाया कि हम अपने आराध्य की सेवा भक्ति करें पर यह स्पष्ट हो की सेवा की समर्पणा कितनी है ? क्या हममे भय , द्वेश , खेद , खिन्नता दूर हुई या नही। कठिनाइ व विपत्ति के समय हम कितना सुद्रढ रहते हे वही  हमारी सुद्रढता की पहचान है।धर्म की आराधना करें , और मन मे शान्ति नही आए तो वह कैसा धर्म। त्याग तपस्या से अपने जीवन को भावित करें। इससे पूर्व आदित्य मुनि ने धर्म सभा को सम्बोधित करते फरमाया कि पुस्तक का पहला पन्ना हमारा जन्म है तो अन्तिम पन्ना मृत्यु , बिच के पन्नो पर लिखा द्रष्टांत ही हमारा जीवन है। वही महत्वपूर्ण है आपने अपने जीवन को कितना जिया , कैसे जिया।प्रवचन के बाद मुमुक्षु परिवार व समाजजनों की उपस्थिति मे ओघा बन्धाई व कैसर छंटाई का आयोजन हुआ ।दोपहर 1.30 पर अभिनन्दन समारोह आयोजित हुआ। जिसमें मुमुक्षु वर्षा भण्डारी व उनके परिवार जनों का अभिनन्दन किया गया।अभिनन्दन समारोह मे शहर विधायक गुलाबचंद जी कटारिया , साधुमार्गी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोतम जी रांका सहित कई संघ पदाधिकारी व श्रद्धालु उपस्थित रहे। इस अवसर पर विधायक गुलाब जी कटारिया ने कहा कि यह उदयपुर के इतिहास मे पहली बार हो रहा कि  किसी एक चातुर्मास मे ही 11 दीक्षा हो रही है , दीक्षा लेना आसान कार्य नही परन्तु कठिन राह पर चलकर ही वितरागता को पाया जा सकता है।  गुलाब  जी ने कहा कि सभी अपने लिए जीते हैं पर वर्षा जी ने एसा मार्ग चुना हे जो अपने साथ साथ दुसरे के जीवन मे भी आध्यात्मिकता का विकास करेगीं।समाज द्वारा मुमुक्षु बहन को अभिनन्दन पत्र भैंट कर अभिनन्दन किया गया। अल्पेश धाकड ने बताया कि सांय के समय अनुमोदना मे महिलाओं ने चोबीसी के माध्यम से मंगल गीत गाए। अब 4 दिसम्बर को मुण्डन, महानिष्क्रमण यात्रा व प्रवचन के पश्चात प्रात : 11.15  बजे पर सविधि दीक्षा समारोह न्यु नवरत्न परिसर मे आयोजित होगा।

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