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लाईफ की शुरुआत कैसे हो इस पर गहन चिंतन होना चाहिए - प. पू. श्री वनिता श्री जी मा. सा.

रामपुरा - हुकमेश संघ के नवम नक्षत्र आचार्य भगवन 1008 श्री रामलाल जी महाराज साहब की आज्ञानुवतर्नी  परम पूज्या श्री वनिता श्री जी महाराज साहब आदि ठाणा चार का वर्षा वास रामपुरा में धर्म ध्यान के साथ चल रहा है। उक्त अवसर पर नित नए धार्मिक आयोजनों के साथ परिवार और संस्कार के ऊपर नित्य प्रवचन व समय-समय पर कार्यशाला आयोजित हो रही हैं। उक्त अवसर पर रविवार को प्रवचनों के दौरान परम पूज्य श्री वनिता श्री जी मा सा ने बताया कि लाइक की शुरुआत कैसे हो दांपत्य जीवन को सुखमय जीने के लिए कई सूत्र हैं उसके ऊपर एक कार्यशाला में कपल का आयोजन रखा गया जिस पर विधिवत प्रकाश डालते हुए निरामंधा श्री जी महाराज साहब ने प्रश्नोत्तरी कार्यशाला का आयोजन करते हुए ( पति पत्नी)  कपल की प्रतियोगिता रखी जिसमें आप ने बताया कि जीवन में एबीसीडी की आवश्यकता होती है। एबीसीडी क्या लाइफ की शुरुआत कैसे हो सुख मय दांपत्य जीवन कैसे जिए क्योंकि आजकल कपल लाइफ में प्रॉब्लम ही प्रॉब्लम है इस प्रॉब्लम में एम यू का मतलब ज्यादा होता है आपने एम का मतलब बताया नासमझ यू का मतलब बताएं समझ परिवार में समझ से चला जाए तो प्रॉब्लम खत्म हो सकती हैं। और नासमझ के चलते आज परिवार में बिखराव होते हम देख रहे हैं आपने बताया कि गलतफहमी में हमारा जीवन बर्बाद हो जाता है। परिवार में पति पत्नी को एक दूसरे की बात को सोचना और समझकर सामंजस्य बिठाकर चलना चाहिए एक्सेप्ट करना और एजेस्ट करना आजकल परिवार में एजेस्ट नहीं होता है। इसलिए विवाद और बिखराव की स्थिति हो सकती हैं युवाओं व युवतियों को बताया कि पेड़ को हम बदल नहीं सकते हैं पौधे को हम चाहें जिस प्रकार से विकसित कर सकते हैं बचपन और युवा युवती पौधे के समान है पेड़ हमारे बुजुर्ग हैं माता-पिता पेड़ के समान है जरूरी नहीं कि उनकी हर बात हमारे अनुरूप हो लेकिन हमें उन्हें बदलने की जरूरत नहीं हमें अपना रवैया बदल कर जैसा वह चाहे उस प्रकार से अपन परिवार में करेंगे तो परिवार में बिखराव नहीं होगा जिस प्रकार बिजनेस में पालिसी से हम बिजनेस करते हैं उसी प्रकार परिवार में पालिसी  लगाएं समझ लगाएं आरोप-प्रत्यारोप और गुस्से से परिवार नहीं चलता है आपने कार्यशाला में बताया कि आज हमें  ही चेंज होना है बड़े बूढ़ों को चेंज नहीं करना है इसी प्रकार अपने बड़े बुजुर्गो माता-पिताओं की तरफ भी इशारा करते हुए कहा कि बहू को भी बेटी समय रखेंगे तो हमें हमारी बेटी की कमी नहीं खलेगी पुरुषों को बताया कि हमें पत्नी की बात मानने के साथ  उसके चरित्र की रक्षा करना चारित्र याने उसके सुख  खुशी का भी ध्यान रखना इसी प्रकार पत्नी को भी पति को समझ कर उसकी बात का मान रखना हैं इस प्रकार दोनों एजेस्टमेंट करके चलेंगे तो परिवार में बिखराव नहीं होगा समर्पण परिवार के लिए होना चाहिए जहां समर्पण होगा वहां प्रेम मिलेगा उक्त अवसर पर रामपुरा संघ के धाकड़ परिवार, कर्नावट परिवार, पोखरना परिवार, कडा़वत परिवार, सुराणा परिवार, घोटा परिवार, गांग परिवार, कोठारी परिवार, खाबिया परिवार, चौधरी परिवार,नाहर परिवार,यति परिवार,वागरेचा परिवार लोड़ा परिवार, श्रीमाल परिवार आदि के महिला पुरुष बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित थे। धर्म ध्यान में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं कपल कार्यक्रम में भी सभी परिवारों ने बराबर हिस्सा लिया उक्त अवसर पर रामपुरा  मा.सा.के दर्शन एवं चातुर्मास समापन पर कुकड़ेश्वर भी लाभ देने की विनती के लिए अखिल भारत वर्षीय साधुमार्गी संघ मध्य प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मनोज खाबिया,महिला मंडल से चंद्रकांता जोधावत, विमला कामदार, शकुंतला बोहरा, प्रियंका खाबिया व बच्चों ने पहुंचकर प्रवचन और  मा.सा. जी के दर्शनों का लाभ लिया।

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