रामपुरा। सात जनवरी 2025 को एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामपुरा में विषय विकासशील भारत में प्राकृतिक खेती एवं आत्मनिर्भरता परआयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर साथ ही महाविद्यालय की छात्राओं के द्वारा माँ सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय प्राचार्य डॉ.बलराम सोनी,राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक डॉ. भरत कुमार धनगर,वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो.जेड.एच.बोहरा,डॉ.डी.एस.फिरोजिया,डॉ.शिल्पा राठौर प्रो.आशीष कुमार सोनी,प्रो.महेश कुमार बामनिया,डॉ.महेश कुमार चांदना के द्वारा पुष्पगुच्छ देकर किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मनासा विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक अनिरुद्ध माधव मारु, महाविद्यालय के जनभागीदारी अध्यक्ष करुण माहेश्वरी, जैविक खेती के विषय विशेषज्ञ डॉ.सी.पी.पचौरी कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र नीमच,डॉ.रक्षित आमेटा प्राध्यापक पेसेफिक यूनिवर्सिटी उदयपुर, डॉ अर्चना पंचोली प्राध्यापक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नीमच और संगम अग्रवाल जैविक खेती कृषक नीमच और शासकीय रामचंद्र विश्वनाथ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.एम.एल धाकड थे। स्वागत उद्बोधन महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. बलराम सोनी द्वारा दिया गया राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक डॉ. भरत कुमार धनगर ने राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्देश्य और मुख्य वक्ताओं का संक्षिप्त परिचय दिया मुख्य अतिथि मनासा विधानसभा के लोकप्रिय विधायक मारू ने अपने उद्बोधन में जैविक खेती के क्षेत्र में भारत के महत्व, प्राचीन भारतीय परंपराओं संस्कृतियों को अपने जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा दी।
प्रथम तकनीकी सत्र के वक्त डॉ.पचौरी ने जैविक खेती और उसकी विभिन्न विधियों और पारिस्थितिकी तंत्र पर बात रखी द्वितीय तकनीकी सत्र में डॉ.आमेटा ने जीवन में सकारात्मक विचारों को मन मस्तिष्क में पल्लवित करने और सफलता हासिल करने के लिए मार्गदर्शन दिया। तृतीय तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता डॉ.पंचोली ने प्राकृतिक खेती और सरकार के विभिन्न योजनाओं का संक्षिप्त वर्णन किया तथा विभिन्न आंकड़ों के साथ प्राकृतिक खेती के महत्व और विकासशील भारत के बढ़ते कदम की और अपनी बात रखी। चतुर्थ तकनीकी सत्र में डॉ.कदंबिनी सहायक प्राध्यापक बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय बिहार ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर जैविक खेती के विभिन्न आधारभूत एवं रचनात्मक उदाहरण देते हुए प्राकृतिक खेती के विभिन्न आयामों पर चर्चा की विशेष वार्ता सत्र में संगम अग्रवाल ने नीमच क्षेत्र में जैविक खेती के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और विभिन्न जलवायु के माध्यम से जैविक खेती को कैसे किया जा सकता है उस पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के अंत में विज्ञान पोस्टर और विज्ञान मॉडल के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया तथा राष्ट्रीय संगोष्ठी की समस्त सांस्कृतिक गतिविधियों में सहभागिता करने वाले विद्यार्थियों को सांसद प्रतिनिधि घनश्याम पाटीदार और महाविद्यालय स्टाफ के द्वारा पुरस्कृत किया गया। महाविद्यालय के समस्त स्टाफ और विद्यार्थी ने उत्साह के साथ राष्ट्रीय संगोष्ठी में सहभागिता की राष्ट्रीय संगोष्ठी में 120 से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए और भारत के विभिन्न क्षेत्रों से शोध पत्र प्राप्त हुए और सहभागिता की गई। राष्ट्रीय संगोष्ठी की विभिन्न समितियां ने उत्साह उमंग के साथ कार्य किया और राष्ट्रीय संगोष्ठी को सफल बनाया विद्यार्थी ने आकर्षक पोस्टर और विज्ञान मॉडल बनाएं और प्रदर्शित किये। महाविद्यालय को आकर्षक रंगोली और सजावट से सजाया गया उक्त कार्यक्रम में सांसद प्रतिनिधि पाटीदार जनभागीदारी सदस्य अंकित खंडूजा और नीमच क्षेत्र के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से पधारे प्राध्यापकगण रामपुरा नगर के गणमान्य नागरिक और छात्र-छात्राओं ने इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम का संचालन डॉ.मुक्ता दुबे द्वारा किया गया और आभार राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक डॉ.भरत कुमार धनगर ने दिया उक्त समस्त जानकारी महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ.महेश कुमार चांदना द्वारा दी गई।