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खबर- नगर में तपस्वी बहन का निकला वरघोड़ा किया बहुमान

रामपुरा। जैन परंपरा के शान्त क्रान्त संप्रदाय के आचार्य प्रवर पूज्य श्री विजयराज जी म. सा. की आज्ञानुवार्तिनी कवयित्री महासती इंदुप्रभा जी, महासती उर्मिश्री जी एवं महासती मनोरमा श्री जी म. सा. आदि ठाणा चार की निश्रा में नगर में जैन श्रीसंघ में जप, तप व आराधना के साथ  पर्युषण पर्व मनाया गया साध्वीजी की प्रेरणा से स्थानीय समाजजनों में करीब 40 महिला, पुरुष व बच्चों ने सिर्फ गर्म जल के आधार पर कठिन तपस्या की, जिसमें 11उपवास 9 उपवास तथा अठाई तप मुख्य है। परयुषण पर्व के दौरान श्री धन्यकुमार धाकड़ वीरेंद्र गांग श्रीमती किरण चेलावत श्रेया चेलावत, अमन यति श्रेयांश चेलावत धीरज घोटा कुमारी निधि कीमती शुभम चौधरी ने 8 और 9 उपवास की तपस्या की। बुधवार को भगवान और 11उपवास की तपस्वी बहन  कु. चाहत जितेंद्र जागीरदार का भव्य वरघोड़ा नगर के मुख्य मार्गों से निकाला गया, जिसमें मुख्य आकर्षण का केंद्र, घोडे, रथ, बग्घियां, बैंड और ढोल रहे। वरघोड़े में  जैन समाज श्रीसंघ के प्रतिनिधि भी पहुंचे। सुबह 9.30 बजे  वरघोड़ा का चल समारोह नगर परिषद अध्यक्ष सीमा जितेंद्र जागीरदार के निवास स्थान से प्रारंभ हुआ। जिसमें  सेकड़ो की संख्या में समाजजन शामिल  हुये तपस्वी का वरघोड़ा नगर के प्रमुख   मार्गो से होता हुआ सिंघाड़ा गली स्थित महावीर भवन पर पहुंचकर धर्म सभा के रूप में परिवर्तित हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में युवक युवतियों धार्मिक स्तवनों पर अपनी प्रस्तुति दी। रास्ते में जगह-जगह वरघोड़े का स्वागत किया गया। वरघोड़े में, रथ और बग्गियों पर तपस्वी भगवान व गुरुदेव के चित्र लेकर बैठे थे। जिनकी अनुमोदना करते हुए समाजजन जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। वरघोड़े मेंं  भाजपा जनप्रतिनिधियो  सहित विभिन्न समाजों के लोग शामिल थे धर्म सभा में महासती इन्दु प्रभा जी जी ने उपस्थित जन समुदाय से त्याग तपस्या को जीवन में धारण करने तथा साथ ही प्रतिदिन पुण्य के काम से कम दो कार्य करने का आह्वान किया जिससे इस मनुष्य जन्म की सार्थकता हमें मिल सके इसके पश्चात् विधायक प्रतिनिधि के रूप में उनके अनुज  नरेंद्र (राजू) मारू वरिष्ठ भाजपा नेता राधेश्याम सारू जितेंद्र जागीदार राधेश्याम मंडवारिया संदीप सोनी आदि ने भी तप के बारे में अपने विचार व्यक्त किया और तपस्वी की बहुत-बहुत अनुमोदना की इस अवसर पर श्री संघ रामपुरा की ओर से तपस्वी बहन चाहत का बहुमान श्रीमती भंडारी एवं श्रीमती चौधरी के द्वारा किया गया । उसके बाद स्वामी वात्सल्य का कार्यक्रम रखा गया था जिसमें नगर के सभी धर्म प्रेमी बंधुओ ने भाग लिया।

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