कुकडेश्वर/भीलवाड़ा। अखिल भारत वर्षीय साधुमार्गी जैन संघ के हुकमेश पटधर प. पू. आचार्य भगवन् 1008 श्री रामलाल जी मसा. एवं उपाध्याय प्रवर श्री राजेश मुनि जी मसा. के सानिध्य में मुमुक्षु श्री नीरज जी पोखरणा, श्रीमती बसंती देवी पोखरणा, ब्यावर,मुमुक्षु सुश्री दर्शना जी नाहटा,नगरी की दीक्षा भीलवाड़ा श्री संघ को प्राप्त हो कर 14 अगस्त 2024 बुधवार को प्रातः प्रवचन स्थल पर सम्पन्न हुई। इस अवसर पर मुमुक्षुओं को आचार्य रामेश ने करेमी भंते के पाठ से सकल जैन समाज भीलवाड़ा व अखिल भारत वर्षीय साधुमार्गी जैन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व समस्त पदाधिकारीयो व नगरी संघ,ब्यावर संघ से पोखरणा परिवार नाहटा परिवार नगरी संघ के हजारों सदस्यों की साक्षी मे दीक्षा प्रदान की। आचार्य भगवंत ने सभी का नामकरण करते हुए मुमुक्षु नीरज जी अब रामनंदन मुनि जी मसा मुमुक्षु बसंती देवी अब राम बिंदु श्रीजी जी मसा मुमुक्षु दर्शना नाहटा अब राम दीपिका श्रीजी मसा के नाम से जाने पहचाने जाकर जिन शासन की प्रभावना करते हुए महावीर के शासन को आगे बढाते जायेगें।लोच मुमुक्षु नीरज का आचार्य भगवन के हाथो हुआ वही मुमुक्षु बसंती देवी व दर्शना नाहटा का शासन दीपिका श्री कुसुम कांता जी मसा के हाथो से हुआ।इस अवसर पर आचार्य श्री ने मुमुक्षुओं को तनाव मुक्त होकर शांति से जीवन जीने की प्रेरणा दी इसके लिए समभाव से सहना होगा क्यों कि साधु का मुख्य लक्ष्य सहना होता है भजन से कहा सहना सहना कब तक सहना जब तक जीवन है तब तक सहना।भगवन ने कहा एक बात को बार बार रिपिट नही करे बार बार सोचे नही तो मन अशांत होगा। इसका एक ही समाधान है हमारे मन मे एक ही लक्ष्य होना चाहिये न राग न द्वेष न ईष्र्या जो हमारे मन मे तनाव ला देती इसको अपने मन से निकाल देना होगा।जो सहता है वो अपना कल्याण कर लेता है।उदाहरण देकर कहा सोना लोहा मे यही फर्क है सोना पर जितनी चोट पडती है वो सहता जाता है लोहा एक चोट मे टूट जाता