कुकडेश्वर। शिखर महोत्सव चातुर्मास से पुर्व भीलवाडा कांची पुरम में विशाल धर्मसभा अरिहंत भवन में अपनी अमृतमय देशना देते हुकमेश संघ के नवम् पटधर युग निर्माता पतिपल वंदनीय उत्क्रांति प्रदाता व्यवसन मुक्ति प्रणेता आचार्य भगवंत श्री रामलाल जी मसा ने पुरुषार्थ पर फ़रमाया कि व्यक्ति को सदैव पुरुषार्थ करते रहना चाहिए मन मे साधु बनने की भावना रहनी चाहिये और भाव ऐसे रहे कि वो दिन धन्य होगा जिस दिन मे मोक्ष मार्ग पर चलू। आपने कहा कि मानव भाव ऐसे रखें है "प्रभु मेरी एक पुकार मे भी बन जाऊ अणगार,टुटे सारे पाप अठारह मे भी बन जाऊ अणगार"। जितने भी सु श्रावक होते उनके मन मे साधु बनने की भावना हमेशा बनी रहती है। ये भजन की पंक्तियां यही कहती सभी की भावना जग जानी चाहिए। व्यवहारिक जीवन मे व्यक्ति को सब कुछ मिल जाता है। धर्म राज युद्धिष्ठर का मन हमेशा स्थिर रहता था ये उनका क पुरुषार्थ रहा। आपने फ़रमाया मन में किसी के प्रति बुराई नही होनी चाहिए भगवान महावीर हमेशा अपनी देशना में यही समझाते रहते थे। उक्त अवसर पर गोरव मुनि जी मसा ने कहा जो व्यक्ति किसी भी जीव के प्राणो की रक्षा करता वो व्यक्ति स्वयं अपने पापो से मुक्त हो जाता।अपराध करने वाला व्यक्ति अपने आप को गुरु के प्रति समर्पित कर देवें और याचना करें मैने जो भी अपराध करते हुऐ जो भी धन कमाया वो सब छोड़कर आपकी शरण मे आया हूं जैसे राजा चेतक ने कीया था। श्रावक का कर्तव्य हैं वो अपने आप में मर्यादा पुर्वक रहना सिखे। ये संसार है यहां किसी का छूटेगा तो और किसी को मिलेगा। आदिनाथ महिला मंडल भीलवाडा ने भजन में बधाई हो बधाई घड़ियां सुहानी जो आयी। राष्ट्रीय अहिंसा प्रचारक महेश नाहटा ने धर्म सभा का संचालन करते हुए बताया आज की आचार्य भगवंत श्री रामलाल जी मसा एवं बहु श्रुत वाचनाचार्य उपाध्याय प्रवर श्री राजेश मुनि जी मसा आदि ठाणा का चातुर्मास भीलवाड़ा श्री संघ को मिला आप की निश्रा में धर्म ध्यान त्याग तपस्या निरंतर चल रही हैं।कई नगरों शहरों गांवों से श्री संघ दर्शनार्थ आ रहें हैं।