रामपुरा- मनुष्य यदि आत्मा के उद्धार के लिए अच्छे कार्य करें तो आत्मा परमात्मा बन सकती है। साथ ही बड़े बुजुर्ग एवं माता-पिता का सम्मान जिस समाज एवं परिवार में होता है वह तरक्की की राह पर चलता है। उक्त उद्गार दिगंबर संत 108 श्री विश्वास सागर जी म.सा. ने सिंघाड़ा गली स्थित महावीर भवन पर धर्म सभा में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मनुष्य पूर्व भाव के कारण वर्तमान एवं वर्तमान के कारण अगले भव का निर्धारण करता है हमें प्रतिदिन आत्मा के कार्यों को लेकर कुछ समय आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। व्यक्ति दिन भर अपनी कमाई को लेकर व्यस्त रहता है तथा अंत में अपने कमाए धन का हिसाब किताब लगाता है किंतु दिन भर में किए गए पुण्य कार्यों के बारे में विचार नहीं करता है। यदि हमें मनुष्य जन्म में रहकर मोक्ष मार्गी बनना है तो निरंतर अच्छे कार्यों की ओर पुण्य कार्यों की ओर बढ़ना होगा। दिगंबर संत ने उपस्थित धर्मावलंबीयों से अनुरोध किया कि वह अधिक से अधिक समय धर्म के कार्यों में लगाए व मनुष्य जीवन सफल करें। इस अवसर पर श्रीसंघ अध्यक्ष श्री धन्य कुमार धाकड़ ने दिगंबर संत के श्री चरणों में रामपुरा जैन श्री संघ की वंदना अर्ज करते हुए आभार प्रकट किया। धर्म सभा में दिगंबर जैन आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज सा. एवं आचार्य श्री दौलत सागर जी महाराज साहब के देवलोक गमन पर श्री संघ द्वारा विनयांजलि दी गई। उल्लेखनीय है कि लगभग तीन दशक से अधिक समय पश्चात रामपुरा नगर में दिगंबर संत का आगमन हुआ धर्मसभा में बड़ी संख्या में महिला पुरुष व बच्चे उपस्थित रहे।