रामपुरा- मनुष्य यदि अपने विचार तंत्र को सकारात्मक दिशा में मोड़ ले तो दुनिया का कोई कार्य ऐसा नहीं जो वह नहीं कर सकता मनुष्य हमेशा जो कार्य नहीं कर सकता है उसी के बारे में सोचता रहता है किंतु जो कार्य नहीं कर सकता है उसे कर लेता है तो उसे एक नहीं 10 नहीं हजार गुना अधिक फल मिलता है उक्त बात अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संघ के नायक नवम पट्टधर आचार्य भगवंत श्री राम लाल जी महाराज साहब के शिष्य बेले बेले तपस्वी उपाध्याय प्रवर बहुश्रुत वाचनाचार्य श्री राजेश मुनि जी महाराज साहब ने स्थानीय महावीर भवन पर धर्म प्रभावना देते हुए कही उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति साधु नहीं बन सकता किंतु जैन धर्म में बताए हुए 12 व्रतो को धारण कर अपने जीवन को सार्थक बना सकता है उपाध्याय प्रवर ने यह भी कहा कि जो व्यक्ति एक ही कार्य को निरंतर रूप से करता रहता है उसे निश्चित रूप से फल भी वही मिलता है किंतु वह उस कार्य में बदलाव लाता है या जोखिम उठाता है तो उसका परिणाम उसे और अधिक रूप में मिलता है वह क्षेत्र किसी भी तरह का हो सकता है यदि हम धर्म करने में अपने आप को कमजोर समझते हैं तो हमें विचारों में बदलाव लाना होगा मुनिश्री ने उपस्थित जैन धर्मावलंबीयों से अधिक से अधिक धर्म से जुड़कर अपने मनुष्य जीवन की सार्थकता पर बल दिया तथा प्रतिदिन सामायिक करने का आग्रह किया उपाध्याय प्रवर ठाणा३ नगर के सिंघाड़ा गली स्थित महावीर भवन पर विराजित हैं कल 8 जनवरी 2024 सोमवार को प्रातः 9:15 बजे प्रवचन होंगे साथ ही दोपहर 2:30 बजे से 3:30 बजे तक चर्चा सायंकाल प्रतिक्रमण तत्पश्चात ज्ञानचर्चा होगी उक्त जानकारी रामपुरा जैन श्री संघ अध्यक्ष श्री धन्य कुमार धाकड़ ने दी तथा स्वधर्मी बंधुओ से आग्रह किया कि इस अवसर पर अधिक से अधिक आराधना कर धर्म लाभ उठाए