कुकडेश्वर- धर्म की शिक्षा जहां हो पुण्यवानी वहीं बड़ती है जिसके जिवन में गुरु, माता, पिता,भाई,भाभी के लिए विनय आदर भाव है, उसका जिवन सुखी रहता है उक्त बात जैन धर्म शाला में ज्ञानगच्छ के परम पूज्य संत श्री अभिषेक मुनि जी मासा ने नियमित धर्म प्रभावना देते हुए फरमाया कि आप चमत्कार को मानते हैं या नहीं चमत्कार होते भी हैं या नहीं इसके लिए आत्म चिंतन की आवश्यकता है आप ने फरमाया कि आज हमारे अंदर विनय आदर भाव नहीं रहें देव गुरु धर्म और माता पिता के प्रति श्रृद्धा और समर्पणा खत्म हो गयी। आपने बताया कि चमत्कार होते हैं इसके लिए श्रृद्धा और समर्पणा हो वो श्रृद्धा और समर्पण सबसे पहले गुरु,माता, पिता,भाई, भाभी पर हो आपने बताया कि हमें नित्य गुरु को नमन् करना व माता पिता के चरण स्पर्श और भाई भाभी को वंदन करने से जिवन में कई चमत्कार होते हैं। उक्त अवसर पर प पू श्री संदीप मुनि जी मासा ने फरमाया कि दुःख का मुल कारण पाप है और पाप कई प्रकार के होते हैं मन से वचन से काया से नित्य हम पाप कर रहे हैं इसकी मुख्य वजह धर्म का सही ज्ञान नहीं होना हमें ज्ञानी जन बता रहे हैं पाप क्या है और पुण्य क्या है और धर्म का मर्म भी बता रहे लेकिन हम आचरण में नहीं ला रहे जिससे दुखी हो रहें हैं।