कुकडेश्वर- हमारा जीवन हमें अनंत पुण्यवाणी से यह मानव जीवन मिला है। और हम इस संसार में अंनत समय से परिभ्रमण करते हुए भटक रहे हैं, इस मानव जीवन में संसारिक, भौतिक सुखों को सबकुछ मान का हम खुश हो रहे हैं। लेकिन सत्य यह हैं कि सिर्फ आत्मा अजर अमर अविनाशी है। सांसारिक सुख भौतिक विलासिता सभी नास्वर है, इसे एक दिन नष्ट होना है। आत्म चिंतन का विषय है आज का मानव कुर्सी सत्ता कंचन कामनी कोठी बंगला आदि के पीछे ही भाग रहा है और धर्म से विमुख है लेकिन धर्म ही हमें मोक्ष तक पहुंचा सकता उक्त विचार आचार्य भगवान श्री रामेश की आज्ञानुवर्तनी परम पूज्या श्री सुदर्शना श्री जी मा. सा. ने धर्म प्रभावना देते हुए फरमाया कि हम धर्म को पिछे रखते हैं,व धन को आगे रखते हैं लेकिन धर्म ही हमें धन का सुख देता है तप पुत्र राज्य का सुख देता है व दान पुत्र का सुख देता है और जप मोक्ष प्राप्ति के लिए इस लिए धर्म, आराधना,दान,दया की आवश्यकता होती है। लेकिन आज भौतिक सुखों को सर्वप्रिय मानते हैं जो हमें क्षणिक सुख देता है। आपने कहा की हमें समय मिला मानव जीवन मिला इसे सुख-सुविधाओं में नहीं बिताना है धर्म की पूंजी को कमा कर दान,दया, ज्ञान, दर्शन, चारित्र की और बढ़कर हमें हमारी आत्मा का कल्याण करना है। कुकड़ेश्वर स्थानक भवन में हुकमेश संघ के नवम् नक्षत्र आचार्य भगवन श्री रामेश की आज्ञानुवर्तनीयां शासन दिपीका प. पू. श्री सुदर्शना श्री जी मा.सा.आदि ठाणा 6 सुख साता पूर्वक स्थानक भवन में विराज रहें हैं।आपके मंगलमय सानिध्य में धर्म आराधना प्रवचन का लाभ श्रावक श्राविका लें रहें।