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हम दूसरों के सुख को देखकर दुखी हो रहे हैं, हम सुख के लिए दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन सच्चा सुख आत्मा के अंदर

कुकड़ेश्वर- भगवान पर श्रद्धा जरूरी है जीवन में पुण्य होगा तो प्रभु दर्शन होंगे दर्शन होंगे तो लाभ ही लाभ होगा हमने हमारी जिंदगी का आधा समय सोने में समाप्त कर दिया आधा समय खाने-पीने मौज शोक खत्म कर दिया लेकिन जो समय बचा है, उसका सदुपयोग नहीं कर रहे हैं। सुबह से शाम तक हम क्या कर रहे हैं यह हमें भी पता नहीं कल कर लेंगे ऐसा यदि सोचकर हम समय नष्ट कर रहे हैं तो हमारा भव सुधारने वाला नहीं उक्त विचार आराधना भवन में प पुज्या श्री जिनेश कला श्री जी मा.सा.ने धर्म सभा के सम्मुख फरमाते हुए बताया कि वर्तमान अच्छा तो भविष्य भी अच्छा होंगा हमें सिर्फ वर्तमान को अच्छा बनाने की जरूरत है। आज हम दूसरों के सुख को देखकर दुखी हो रहे हैं हम सुख के लिए दौड़ लगा रहे हैं लेकिन सच्चा सुख आत्मा के अंदर है कल क्या होने वाला है किसी को पता नहीं है जितना हमने जीवन जी लिया है, उतना क्या हम जी पाएंगे जो समय हमारे पास बचा है। इसका सदुपयोग करें धर्म साधना करेंगे तो ही हमारा भव सुधरेगा।

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