कुकड़ेश्वर- नगर व आसपास के गांवों में चैत्र सुदी तीज को व्रत रख कर गणगौर बनाकर बड़ी आस्था और श्रद्धा के साथ पुजन कर कथा श्रवण की नगर के सुर्यवंशी कुमरावत तमोली समाज के मंदिर पर प्रातः से सामुहिक रूप से गणगौर माता व (शिव पार्वती) का पुजन किया वही चंदवंशी खाती पटेल समाज, स्वर्ण कार समाज,पोरवाल समाज के श्रीलक्ष्मी नाथ मंदिर पर गणगौर की पुजा कर गणगौर बैण्ड बाजों के साथ निकाली वहीं सारस्वत ब्राह्मण समाज मंदिर पर गणगौर तीज पर प्रातःसे मंदिर पर महिलाओं, कन्याओं ने गणगौर की पूजा अर्चना की व गणगौर बैण्ड बाजों के साथ निकाली इसी प्रकार नगर के कई समाजों में भी गणगौर पर्व धूमधाम से मनाया मान्यता है कि इस दिन सुहागिन महिलाएं पती के दिघार्यु जिवन सुखी समृध्दि की कामना को लेकर व कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए व्रत रखती है सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं माता पार्वती और भगवान शिव की मिट्टी की मूर्ति बनाकर आकर्षक श्रृंगार कर सभी तरह के व्यंजन व विधि विधान से पूजा करती है। यह पर्व होली का दहन से शुरू होता है जो शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर के रूप में मनाया जाता है। गणगौर का पर्व नगर व आसपास के गांवों में बड़ी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया गया।