कुकडेश्वर- भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी श्री बलदेव दास ने राजस्व कर्मचारियों से पिडी़त होकर आत्महत्या कर ली पूर्व मंत्री श्री नरेन्द्र नाहटा ने एक वक्तव्य में कहा कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों के आंदोलन के फल स्वरुप जिला प्रशासन द्वारा तत्काल कार्यवाही कर कुछ व्यक्तियों को निलंबित कर दिया उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात है कि अपनी बात मनवाने के लिए सत्ता रुढ़ दल को भी आंदोलन करना पड़ता है। यह घटना केवल यह तथ्य स्पष्ट करती है कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि कितने प्रभावीहीन हो गए हैं वे भी प्रशासन से अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के वैध काम भी नहीं करवा पाते हैं। तथा पीड़ित कार्यकर्ता इतने प्रताड़ित होते हैं कि उन्हें आत्महत्या जैसा दुःखद रास्ता अपनाना पड़ता है। श्री नाहटा ने मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया कि अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ता की आत्महत्या से आगे जाकर घटना का आकलन करें कि ऐसा क्यों हो रहा है। श्री नाहटा ने कहा कि इसके तीन कारण हो सकते हैं।पहला या तो निर्वाचित जनप्रतिनिधि अक्षम है, या दूसरा उनका अपना नेतिक बल इतना कमजोर हो गया कि अब प्रशासन उनकी उपेक्षा कर रहा है अंतिम कारण यह हो सकता है कि प्रशासनिक व्यवस्था इतनी लाचार हो गई है कि बलदेव दास जैसे व्यक्ति जिनकी पार्टी नेताओं तक पहुंचे हैं वे भी अब कानून के रास्ते से अपना काम नहीं करा सकते हैं। कर्मचारी को रिश्वत देना पड़ती है और फिर भी काम नहीं हो पाता है। श्री नाहटा ने कहा श्री बलदेव दास चुंकी आत्म हत्या की सीमा तक चले गयें इसलिए यह प्रकरण सब की निगाह में आ गया परंतु नीमच जिले में आम आदमी की प्रताड़ना और रिश्वत सामान्य बात हो गई है। केवल मनासा के राजस्व अनु विभाग में किसानों के हजारों प्रकरण लम्बीत पड़े हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं है। श्री नाहटा ने माननीय मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया है की वें नीमच जिले की प्रशासनिक व्यवस्था की समीक्षा करें प्रशासनिक अधिकारीयों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को योग्य निर्देश दें तथा तहसील स्तर पर शिविर लगाकर निश्चित समयावधि में सारे लम्बीत प्रकरण निपटाने हेतु आदेश जारी करें।