गाँधीसागर। अभ्यारण्य के पश्चिम क्षेत्र के ग्राम रावलीकुडी स्थित चीता प्रोजेक्ट के बाडे में सुखे घाँस मे गुरुवार 5 दिसम्बर को आग लग गई सुखा घांस होने से आग ने विकराल रूप ले लिया। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग गाँधीसागर मौके पर पहुंचा और आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन आग बुझने के बजाए बढ़ती गई। आग के बढ़ते रोद्र रूप के कारण उच्चाधिकारियों ने गरोठ भानपुरा मंदसौर रामपुरा मनासा स्टॉफ सहित नीमच कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी मनासा ने फायर ब्रिगेड मनासा एवं भानपुरा से आग बुझाने के लिए मौके पर भेजा गया है । साथ ही रावलीकुडी, बूज एवं नजदीकी ग्रामीणों द्वारा आग बुझाने में सहयोग कर रहे है। गाँधीसागर वन विभाग के अधिकारी मौके पर मौजूद होने के कारण आग लगने की स्पष्ट एवं विस्तृत जानकारी नही मिल सकी है।
दूसरी और वन मंडलाधिकारी मंदसौर ने अपने वाट्सअप मैसेज पर बताया कि वन परिक्षेत्र गरोठ भानपुरा मंदसौर रामपुरा मनासा के साथ साथ गांधीसागर पूर्व, पश्चिम गेम रेंज, अधीक्षक/उपवनमण्डल अधिकारी संयुक्त रूप से आग बुझा रहे हैं तथा कलेक्टर नीमच के समन्वय से भी अनुविभागीय अधिकारी मनासा के माध्यम से फायर बिग्रेड मनासा और भानपुरा भी मौके पर पहुँचे हैं। ग्राम रावलीकूड़ी, बुज औऱ पास में लगे ग्रामीणों द्वारा आग बुझाने में सहयोग कर रहे हैं। गाँधीसागर अभ्यारण्य में चीता प्रोजेक्ट में आग लगने अभ्यारण्य के वनस्पति और वन्यजीवों के लिए बहुत बड़ा खतरा हो सकती है। गाँधीसागर अभ्यारण्य मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित है, और यह एक महत्वपूर्ण वन्यजीव अभ्यारण्य है। यहाँ पर कई प्रकार के वन्यजीव और वनस्पति पाए जाते हैं। चीता प्रोजेक्ट भी इस अभ्यारण्य में चलाया जा रहा है जिसका उद्देश्य चीता की संख्या बढ़ाना और उनके आवास की सुरक्षा करना है। आग की इस घटना के बाद, अभ्यारण्य के अधिकारी और वन्यजीव विशेषज्ञ इस क्षेत्र की सुरक्षा और संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए।