मध्यप्रदेश। विपक्ष जब प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था की बात करता है तो सत्तापक्ष एवं प्रशासन यह कह कर पल्ला झाड़ लेते है की विपक्ष के पास कुछ काम नहीं है इसलिए ओछी राजनीती कर सरकार को बदनाम कर रहे है। , तो क्या प्रदेश सरकार इसी प्रकार का वक्तव्य अब दे पाएंगी जब भाजपा के ही विधायक गण पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ नेतागण अपनी ही सरकार के ऊपर शराब माफिया एवं गुण्डातत्वो के सामने नतमस्तक होने के बयान दे रहे है और दंडवत होकर पुलिस से गुहार लगा रहे है की हमें गुंडों से बचा लो। तो फिर जब सत्ता पक्ष के जनता द्वारा चुने हुए विधायकगण ही माफिया राज से बचाने का बयान दे रहे है तो आम जनता का भाजपा की प्रदेश सरकार में क्या हाल होगा वो अपनी फरियाद लेकर कहाँ जाएगा यह सोचनीय है। इससे अपने आप सिद्ध होता है की जनता को अगर प्रदेश मे रहना है तो अपना बचाव माफिया राज से स्वयं ही करना होगा क्यूंकि परिस्थितियों से इंगित होता है की जब सत्तापक्ष के विधायक ही प्रदेश में सुरक्षित नहीं है तो आम जन कैसे भाजपा राज में माफियाओ से सुरक्षित रहेंगे। उक्त कटाक्ष करते हुए आप के प्रदेश प्रवक्ता नवीनकुमार अग्रवाल ने भाजपा सरकार पर तंज कसा है। अग्रवाल ने कहा की प्रदेश की भाजपा सरकार सुशासन का दावा कर सत्ता में आयी है लेकिन जब उसके विधायक गण ही भाजपा राज में सुरक्षित नहीं है तो भाजपा सरकार आम जनता की सुरक्षा की क्या गारंटी दे सकती है कैसे सुशासन और माफिया राज से सुरक्षित करने की बात कर सकती है। और यह उसीके विधायकगण ही उपरोक्त बात को सिद्ध करते हुए नजर आ रहे है जब वो पुलिस से माफिया राज एवं गुंडो से दंडवत होकर अपनी जान बचाने की गुहार लगा रहे है अग्रवाल ने कहा की मऊगंज के विधायक प्रदीप पटेल जब अपनी सुरक्षा को लेकर एडिशनल एसपी के आगे नतमस्तक होकर दंडवत होकर गुंडों से मरवाने की बात कर सकते है तो प्रदेश में आम आदमी की जान माल की सुरक्षा कैसे होंगी। यह विचारणीय है की जब एक विधायक शराब माफिया और गुंडागर्दी से परेशान होकर पुलिस के आगे दंडवत है तो आम आदमी की क्या औकात की वो प्रदेश में शराब माफिया एवं गुंडों के आगे अपने हितो की रक्षा कर उनके खिलाफ आवाज बुलंद कर सके। अग्रवाल ने प्रदेश में माफिया राज एवं गुंडागर्दी के बढ़ते प्रभाव के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार मानते हुए प्रदेश सरकार से तुरंत त्यागपत्र देने की मांग की है।