कुकडेश्वर। नीमच जिले की मनासा तहसील के नगर परिषद कुकड़ेश्वर के अंतर्गत तमोली समाज परंपरागत रूप से पान की खेती करता रहा है। उक्त तमोली समाज के करीबन 500 परिवार पान की खेती से जुड़े हुए हैं पान की खेती कर अपना जीवन का गुजार करते हैं। उक्त पान की खेती में लाखों रुपए खर्च आता है 12 जून को तेज हवा व आंधी के साथ आये पानी भरे तूफान से कुकड़ेश्वर से लगे खेतों पर खड़ी करीबन 8 से 10 पनवाड़ी पान बरेंजें जमीन दोंज हो गए पान के बरेंजे सांकरिया खेड़ी,रुपपुरा, ढोढर ब्लाक हामा खेड़ी गांव से लगी कृषि भूमि पर कृषि भूमि पर पान कृषक शिवकुमार रोदवाल, राम प्रसाद बुंदिवाल, नारमल वश्नारिया, रमेश टोडावाल, गुड्डा भाना,प्रकाश बुंदिवाल, पप्पू बुंदिवाल, कैलाश नकुम, इत्यादि तमोली समाज के पान कृषक द्वारा पान बरेंजें लगा रखे थे जो तेज हवा आंधी से जमींदोज हो गए जिससे पनवाड़ी में लाखों रुपए का नुकसान होने के साथ ही पान व बेले समूह नष्ट हो गई एवं पान बरेंजो को मजदूरों के माध्यम से फिर खड़ा किया जा रहा है। जिससे प्रत्येक पान किसान को 1लाख से 2 लाख रुपए करीब का नुकसान हुआ है एवं पान की खेती जीवित रहना भी मुश्किल लग रहा है। उक्त पान कृषक शिवकुमार तमोली नारमल वश्नारिया, रिंकू भानपिया ने बताया कि हमारे पान की खेती बड़ी नाजुक होती है बार-बार प्राकृतिक प्रकोप कभी हवा आंधी तूफान अति वृष्टि, अनावृष्टि ,शीत गर्म हवा आदि से नुकसान होता है लेकिन जिस प्रकार खेती किसानी को प्रधानमंत्री क़ृषि बीमा योजना से जोड़ रखा है ।लेकिन हमारे पान की खेती को शासन प्रशासन द्वारा किसी भी योजना में नहीं जोड़ने से हमें कृषि बीमा योजना का लाभ नहीं मिलता है जबकि पान कृषकों द्वारा बार-बार पान की खेती को प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना से जोड़ने की मांग की जा रही है।मुक्त पान की खेती को बागबानी उद्यानिकी के अंतर्गत जोड़कर प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना से जोड़ा जाए एवं तेज हवा आंधी तूफान से पान की खेती को हुए नुकसान का मुआवजा शासन दे ऐसी मांग उक्त किसानों द्वारा की गयी।