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प्रकृति की रखवाली करना हर मानव की एक नैतिक जिम्मेदारी, एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार का हुआ आयोजन

रामपुरा- शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामपुरा में एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार का हुआ आयोजन। जिसमे वक्ता के रूप में डॉ.अरुण कुमार चौधरी विभाग अध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी एंड बॉटनी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चित्तौड़गढ़ राजस्थान द्वारा पीपीटी के माध्यम से कोविड-19 में मेडिसिनल पौधों के महत्व पर विस्तृत चर्चा की। डॉ.शैलेंद्र पराशर पूर्व आचार्य डॉ.अंबेडकर पीठ विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा संकट में घने बादल वनस्पति के साथ खड़े होते हैं पेड़ पौधे ऑक्सीजन देते हैं प्रकृति के साथ जुड़ा रहना हमारा नैतिक सिद्धांत है। अभिषेक श्रीवास्तव सहायक प्राध्यापक अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संस्थान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय न्यू दिल्ली द्वारा कहा गया की औषधीय पौधों की भूमिका क्या है,पर्यावरण पूजनीय क्यों है,.बदलते सामाजिक पर्यावरण की भूमिका क्या है, कोरोना काल ने हमें जागृत किया है जीवन में काढ़ा पिएंगे तो हम जीवित रहेंगे आदि के बारे में चर्चा की। डॉ.जे.आर. अहिरवार एसोसिएट प्रोफेसर द्वारा औषधीय पौधों और प्रकृति के संरक्षण तथा मेडिसिनल प्लांट पर अपनी बात कही और बधाई दी। डॉ.अश्विनी कुमार दुबे पर्यावरणविद द्वारा कहा कि इकोसिस्टम और बायोडायवर्सिटी को संरक्षित करना है। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ बलराम सोनी एवं प्रशासनिक अधिकारी डॉ.धर्मेंद्रसिंह फिरोजिया द्वारा एवं विभागाध्यक्ष मठुआ अहिरवार ,डॉ.अर्चना आर्य, तकनीकी समिति के सदस्य भरत धनगर, डॉ मुक्ता दुबे, डॉ लाखन यादव की उपस्थिति में सु श्रीकोनिका कटारे द्वारा मां सरस्वती के पूजन अर्चन कर किया गया। उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता अतिरिक्त संचालक महोदय उच्चशिक्षा विभाग उज्जैन संभाग डॉ.अर्पण भारद्वाज द्वारा की गई मुख्य अतिथि के रूप में माननीय अनिरुद्ध माधव मारू विधायक महोदय (मनासा-विधानसभा) मुख्य अतिथि माननीय डॉ.अखिलेश कुमार पांडे कुलपति विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन मध्य प्रदेश ने अपने उद्बोधन में कहा की प्रकृति की रखवाली करना हर मानव की एक नैतिक जिम्मेदारी है।मुख्य अतिथि माननीय करूण महेश्वरी अध्यक्ष जनभागीदारी समिति शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामपुरा रहे। स्वागत उद्बोधन महाविद्यालय  प्राचार्य डॉ. बलराम सोनी द्वारा किया। शोधपत्र का वाचन डॉ.जितेंद्र पाटीदार डॉ ज्योतिअग्रवाल डॉ. प्रेरणा ठाकरे गजराज सिंह द्वारा शोध पत्र में अजुर्वेद में औषधि के महत्त्व का वाचन किया। राष्ट्रीय वेबीनार में 200 लोगों ने सहभागिता की महाविद्यालय स्टाफ एवं रिसर्च स्कॉलर और विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो.मठुआ अहिरवार द्वारा किया गया।अथितिगण एवं वक्क्ता गण वेबीनार में जुड़े सभी पार्टीसिपेट मेम्बर एवं वेबीनार में गठित समिति सदस्ययो का आभार प्रो.डॉ अर्चना आर्य द्वारा व्यक्त किया।

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