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वेतन बढ़ाने की मांग पर कोटवार भी उतरे सड़क पर

कुकडेश्वर- मध्य प्रदेश का सबसे जमीनी कर्मचारी में कोटवार भी आते है।जो की ग्राम,नगर सहित पंचायतो व टप्पा कार्यालय, तहसील कार्यालय,पुलिस थाना आदि सरकारी दफ्तरों में सेवा देते जिसकी एवज में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा महज 4 हजार रु प्रतिमाह मानदेय के रूप में दी जा रही है जो कि एक नरेगा मजदूर से भी कम है।और महंगाई के इस दौर में मध्य प्रदेश सरकार को गम्भीरता जाहिर करते हुए,मध्य प्रदेश के तमाम निम्न कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान या मानदेय 15 हजार हर एक वर्ग के कर्मचारियों को या सेवा देने वाले अधिनस्त कर्मचारियों को देना चाहिए। महज 4 हजार या 7 हजार रु प्रतिमाह में कर्मचारियों से काम करवाना, शुद्ध रूप से शोषण है। जबकि मध्य प्रदेश में मजदूर की दर महंगाई भत्ता सहित वर्ष 2022 अनुसार अकुशल कर्मचारी के लिए न्यूनतम वेतन 9125  रूपये प्रतिमाह व 304 रु प्रतिदिन के निर्धारित है। वर्तमान में महंगाई को देखते हुए कोटवारों को मिल रहे मानदेय रूपये 4 हजार रूपये मात्र में अपना एवं परिवारजन का पालन पोषण किया जाना संभव नहीं है। उक्त मांग को लेकर कुकड़ेश्वर क्षेत्र सहित प्रदेश के कोटवारों द्वारा बार बार ज्ञापन एवं प्रदर्शन कर शासन प्रशासन की जानकारी में कोटवारों का मानदेय बढ़ाये जाने का निवेदन किया गया है। शासन प्रशासन द्वारा यथाशीघ्र वेतन बढ़ाये जाने हेतु कई बार आश्वासन भी दिया गया, किंतु विगत एक वर्ष से की जा रही मांग पर शासन प्रशासन द्वारा आज दिवस तक विचार नहीं किया गया है। कोटवारों के द्वारा प्रस्तुत किये जा रहे उक्त ज्ञापन पर गंभीरतापूर्वक विचार कर यथाशीघ्र कोटवारो के मानदेय में बढ़ोत्तरी हेतु आदेश प्रसारित करने हेतु कुकड़ेश्वर टप्पा क्षेत्र के अधिनस्त सेवारत 45 ग्राम कोटवारों द्वारा 21 फ़रवरी, मंगलवार को सामूहिक रूप से एकत्रित होकर, कोटवार संघ के अध्यक्ष मोहनलाल धनगर पावटी व उपाध्यक्ष कैलाश तावड रूपपूरा की अगुवाई में, दोपहर 2 बजे नायब तहसीलदार मुकेश निगम टप्पा कार्यालय कुकड़ेश्वर को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नाम कोटवारों की उचित मांगो को पूर्ण किये जाने हेतु लिखित रूप से मांग पत्र के माध्यम से ज्ञापन सोंपा गया। उक्त जानकारी कारूलाल खींची ने दी।

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