गांधीसागर। पिछले एक सप्ताह से अंचल में भीषण गर्मी के साथ लू की लपट चल रही है दिन के पारा जहां 45 डिग्री के आस पास पहुँच रहा है जो की हरे भरे पेड़ो के पत्तो को तक झुलसा दे रहा है, वही गांधीसागर अभयारण्य में वन विभाग वन्यजीवों के लिए पेयजल की पूर्ति करने में लगा है। ताकि मनुष्य की भाँति वन्य जीव भी इस भीषण का सामना कर सके अंचल में गत वर्ष हुई कम बारिश एवं लगातार गिरते भूमिगत जलस्तर के कारण ग्रीष्म ऋतु आते ही प्राकृतिक जलस्रोत तलाई-तालाब में पानी सुखने से विभाग द्वारा कृत्रिम रूप से निर्मित सॉसर, एवं औध में टैंकर की सहायता से पानी की पूर्ति की जा रही है। इसके अतिरिक्त 04 स्थानों पर सोलर पंप की मदद से जल स्रोतों मे पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि पेयजल के अभाव में कोई वन्य जीव बस्ती की ओर ना आए। अधीक्षक गांधीसागर अभयारण्य राजेश मंडावलिया ने बताया कि गत वर्ष अंचल में हुई कम बारिश के कारण 15 फरवरी से ही कृत्रिम जल स्रोतों में टैंकर एवं सोलरपम्प की मदद से पानी भरा जा रहा है। ताकि कोई भी वन्यजीव पानी के लिए नहीं भटके! जल स्रोतों की संख्या- पश्चिम रेंज- कृत्रिम सोसर- 25 तालाब/तलाई -15 कुढ़ी/उथले कुवे-04 झिरी-12 (कुंती नदी, डायली नाला) सोलरपम्प -03पूर्व रेंज-सोसर- 20 तालाब/तलाई- 20झिरी- 10 (भड़का जी नाला, कंकेश्वर, नरसिंहझर, हिंगलाज) सोलर पम्प-02 गश्ती के समय वन कर्मचारी एवं सुरक्षा श्रमिक द्वारा प्रतिदिन इन स्रोतों में पानी की उपलब्धता को चेक किया जाता है।वन्य जीवों के लिए प्रतिदिन पेयजल के हीरो दिलीप बबाना टैंकर चालक जो भीषण गर्मी में भी प्रतिदिन टैंकर की सहायता से सुबह 7 बजें से शाम 6 बजे तक प्रतिदिन 10 -12 सॉसर में पानी भरते है।