गाँधीसागर। विदित हो कि मध्यप्रदेश में विगत कुछ वर्षों में वन्यप्राणी की संख्या में इजाफा हुआ है साथ ही वन्य जीवों की संख्या में वृद्धि के साथ साथ मानव-वन्य प्राणी द्वंद की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। अनेको बार वन्यजीव भटक कर आवासीय क्षेत्रो में प्रवेश कर जातें है। उस स्थिति में मानव एवं वन्य जीव दोनों की सुरक्षा के लिए रेस्क्यू कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण एवं आवश्यक हो जाता है। मध्यप्रदेश के समस्त रीजनल रेस्क्यू स्क्वाड एवं समस्त टाइगर रिज़र्व से रेस्क्यू कार्य में सलंग्न 02-02 स्टाफ सम्मिलित हुआ गाँधीसागर में आयोजित रेस्क्यू कार्यशाला में मध्यप्रदेश के समस्त रीजनल रेस्क्यू स्क्वाड एवं समस्त टाइगर रिज़र्व से रेस्क्यू कार्य में सलंग्न कुल 32 स्टाफ एवं मंदसौर, भानपुरा, गरोठ तथा गाँधीसागर अभयारण्य का समस्त स्टॉफ सहित कुल 70 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। रेस्क्यू कार्य के प्रशिक्षण हेतु भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून से डॉ. सूर्यप्रकाश शर्मा, श्रीआशीष पांडा, नेशनल टाइगर कंज़र्वेशन अथॉरिटी नई दिल्ली से वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ सनथ एवं वाइल्ड लाइफ एवं फॉरेस्ट्री सर्विसेज से श्री कार्तिकेय सिंह चौहान एवं वैभव चतुर्वेदी द्वारा प्रशिक्षण प्रदाय किया गया। अधीक्षक गाँधीसागर अभयारण्य द्वारा बताया गया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के समस्त रीजनल रेस्क्यू स्क्वाड में कार्यरत स्टाफ की क्षमता उन्नयन करना है ताकि रेस्क्यू आपरेशन के समय आने वाली छोटी से छोटी समस्याओं को कम करते हुए मानव-वन्यप्राणी द्वन्द की समस्या को कम किया जा सके। कार्यशाला में वन संरक्षक वन वृत्त उज्जैन श्री एम.आर.बघेल, वन मंडल अधिकारी रतलाम श्री नरेश दोहरे तथा वन मंडल अधिकारी मंदसौर श्री संजय रायखेरे द्वारा भी प्रतिभागियों के साथ रेस्क्यू से संबंधित अपने अनुभव साझा किए। कार्यशाला में समिल्लित समस्त स्टाफ को प्रमाण पत्र वितरित कर कार्यशाला का समापन किया गया।