गांधीसागर- प्रत्येक 02 वर्ष में की जाने वाली प्रदेश व्यापी गिद्ध गणना का कार्य इस वर्ष 16 फरवरी से 18 फरवरी के मध्य किया जाएगा। वन मंडल मंदसौर अंतर्गत अभ्यारण गांधी सागर एवं वन परिक्षेत्र भानपुरा के कुछ क्षेत्र गिद्धों का प्राकृतिक आवास स्थल है जहां पर गिद्ध की कुल 04 प्रजातियां पाई जाती है साथ ही गिद्ध की 03 प्रजातियां जो यहां पर शीत ऋतु में प्रवास करती है। वर्ष 2021 में हुई गणना मे प्रदेश में दूसरे स्थान पर था मंदसौर वर्ष 2021 में हुई गिद्ध गणना में मंदसौर जिले में विभिन्न प्रजाति के 676 गिद्ध पाए गए थे जो कि मध्यप्रदेश में पन्ना जिले के बाद दूसरे स्थान पर है। प्रकृति के सफाई कर्मी है गिद्ध- गिद्ध सामान्यतः केवल मरे हुए वन्यजीवों/ मवेशियों खाकर ही अपना भोजन प्राप्त करतें है। इसलिए इन्हें प्रकृति के सफाईकर्मी के रूप में भी जाना जाता है। मवेशियों के उपचार हेतु प्रतिबंधित दवाई डिक्लोफेनक के उपयोग से तथा आवास स्थलों की कमी से गिद्ध की संख्या में अचानक से कमी आई थी। गिद्धों के संरक्षण हेतु उनके नेस्टिंग साइट को पहचान कर उनका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है ताकि इनकी संख्या बढ़ सके। तीन दिवस तक चलेगी गिद्ध गणना इस वर्ष गिद्ध गणना का कार्य 16 फरवरी से शुरू होकर 18 फरवरी तक किया जायेगा। गणना कार्य प्रातः सूर्योदय से लेकर अधिकतम 09 बजे तक पूर्ण करना होगा। स्वयं सेवक तथा भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के विशेषज्ञ भी जुड़ेंगे गिद्ध गणना से गाँधीसागर अभ्यारण्य में की जाने वाली गिद्ध गणना में 16 से 18 फरवरी तक प्रतिदिन 20 से अधिक वन स्टाफ़, सुरक्षा श्रमिक तथा विभिन्न क्षेत्रों के 10 से अधिक वन्य जीव प्रेमी स्वयं सेवक भी गणना कार्य में सहभागिता कर गिध्दों के सरंक्षण हेतु लोगों को जागरूक करते हुए गिद्ध गणना का कार्य करेंगे।